बक्सर खबर : राहुल मिश्रा उम्र लगभग 22 वर्ष। इस युवक का अपहरण 27 दिसम्बर 016 को कर लिया गया था। राजपुर थाना के कुसुरुपा गांव निवासी ललन मिश्रा ने इसकी प्राथमिकी धनसोई थाने में 31 दिसम्बर को दर्ज कराई थी। अपहरण का यह मामला अंतत: हत्या तक पहुंच गया। पुलिस ने हत्यारों की निशानदेही पर युवक का नर कंकाल बरामद किया है। इसकी जानकारी एसपी उपेन्द्र कुमार शर्मा ने गुरुवार को पीसी के दौरान दी।
पड़ोसन से इश्क बना हत्या की वजह
बक्सर : राहुल के गांव में मंटू पांडेय का परिवार रहता था। वह मूल रुप से कोचस थाना के गारा गांव का निवासी है। कुछ कारणों से उसका परिवार कुसुरुपा में ही अपने रिश्तेदार के यहां रह रहा था। उसकी पत्नी से राहुल के नाजायज संबंध हो गए थे। इसका खुलासा पुलिस की जांच में हुआ। क्योंकि 27 दिसम्बर को राहुल मंटू के साथ ही पटखलिया गांव गया था। यह दोनों बाइक से वहां गए थे। उसी दिन से राहुल लापता था। बदला लेने की नियत से मंटू ने अपने लोगों के साथ उसे बाइक से कोचस भेजा। जहां से धुरान राम उसे सासाराम की पहाडी में ले गया। वहीं गला दबाकर हत्या कर दी गई।
मंटू को पुलिस भेज चुकी है जेल, कंकाल बरामद
बक्सर : एसपी उपेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि अपहरण के दो दिन बाद ही युवक की हत्या कर दी गई थी। उसे सासाराम जिले के बेलहर गांव, थाना दरिगांव इलाके में मारा गया। शव को पहाड़ी पर छोड़ अपराधी भाग निकले। उसकी हत्या गला दबाकर की गई। घटना के तीन दिन बाद पिता ने प्राथमिकी दर्ज कराई। जब राहुल के फोन से पिता को काल किया गया। अपहरण के नाम पर पन्द्रह लाख रुपये मांगे गए। उन्होंने बताया कि बेटा गांव के ही मंटू के साथ गया है। उस वक्त मंटू पांडेय व उसके एक अन्य सहयोगी ओमप्रकाश सिंह ग्राम मडइपुर, थाना कोचस को जेल भेज दिया गया। इस बीच एक अन्य अभियुक्त मंटू राम पिता विनोद राम, ग्राम बडाढ़ी, थाना कोचस, जिला सासाराम पकड़ा गया। उसकी निशानदेही पर बुधवार को सासाराम पहाड़ी पहुंची धनसोई पुलिस ने कंकाल बरामद किया है। जिसे डीएनए टेस्ट के लिए भेजा जाएगा।
अन्य तीन की भी है तलाश
बक्सर : पुलिस अन्य तीन अभियुक्तों की तलाश भी कर रही है। इनमें धुरान राम ग्राम राजापुर, थाना राजपुर, जिला बक्सर। बड़ा बाबु ग्राम बहोरनपुर, तेजा साह ग्राम बडाढ़ी, थाना कोचस (दोनों जिला सासाराम) शामिल हैं। इस पूरे मामले के उदभेदन में राजपुर के थानाध्यक्ष राजेश कुमार, धनसोई के थानाध्यक्ष नरेन्द्र कुमार व डीआइयू टीम के आलोक का विशेष योगदान रहा है।
यह भी पढ़े :- कैसे व कब हुआ था राहुल का अपहरण