बक्सर खबरः साल 2013 में हुए इनामुल हक हत्या कांड में परिजनों को इंसाफ मिल गया। शुक्रवार को एडीजे-5 की कोर्ट ने महिला समेत आठ लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई। मृतक के पुत्र मो. रिजवान के फर्द बयान पर पुलिस ने कुल नौ लोगों पर मामला दर्ज किया था। जिसमें गवाहों के बयान व अभियोजन पक्ष की दलील सुनने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंचम अरूण कुमार श्रीवास्तव ने अकबर अली, मो. अली, अख्तर अली, इब्राहिम, बेबी खातून, बदरूद्दीन, शौकत अली एवं अमजद अली को 5-5 हजार का आर्थिक दण्ड के साथ आजीवन कारावास की सजा सुनाई। एक अन्य आरोपी सलीम अली को जुबेनाइल कोर्ट में मामला स्थानांतरित कर दिया गया जो सुनवाई में लंबित है।
ज्ञात हो 12 जुलाई 2013 को नगर के सोहनीपट्टी इलाके में भूमी विवाद को लेकर जमकर मारपीट हुई। जिसमें इनामुल हक की दर्दनाक मौत हो गई वही उनका पुत्र मो. रिजवान बुरी तरह घायल हो गया। रिजवान के बयान पर मामला दर्ज किया गया था। अभियोजन पक्ष की ओर से मामले में कुल 7 गवाहों की गवाही कलमदर्ज की गयी। न्यायालय ने सबूतों एवं बयानातो के आधार पर हत्या एवं हत्या के प्रयास जैसे संगीन दफाओं में दोषी पाते हुए सभी अभियुक्तों को भारतीय दंड विधान की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास एवं 5-5 हजार रुपये जुर्माने की सजा तथा दफा 307 के तहत 5 वर्ष के कारावास एवं 5 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। मामले की सुनवाई में सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक योगेंद्र प्रसाद चैरसिया ने बहस में हिस्सा लिया।