ऐसा शख्स जो रोज खाता है एक किलो बालू

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बक्सर खबर : जिले के केसठ गांव में एक ऐसा शख्स है। जो बालू खाता है। वह भी एक दो दाना नहीं। आधा से एक किलो तक। इनका परिचय आपको बता दें। यह हैं मुख्तार यादव, ग्राम केसठ, थाना नावानगर, जिला बक्सर। इनकी उम्र लगभग पैसठ वर्ष है। यह इनकी रोज की दिनचर्या है। सुबह घर से निकलते हैं। गांव के बाहर मजार के मैदान में पहुंचते हैं। जमीन पर पड़ी बालू को जमा करते हैं और उसकी मिट्टी साफ कर उसे खा जाते हैं। वे ऐसा कब से कर रहे हैं? इसका जवाब वे खुद देते हैं। मैं लगभग तीस वर्ष की उम्र में दिल्ली गया था। वहां मजदूरी करता था। सुबह मंजन करने के लिए कुछ नहीं होता था। हम लोग कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करते थे। वहां बालू उपलब्ध होता था। उसे से मुंह साफ करना शुरु किया। ऐसी आदत पड़ी की वह गयी नहीं। पिछले बीस से पच्चीस वर्ष से यह मेरी दिनचर्या बन गयी है। अगर आप बालू न खाए तो कैसा महसूस करते हैं? मुख्तार बताते हैं कि अगर किसी दिन नहीं खाया तो हाल पागलों सा हो जाता है। अब तो इसके बगैर रहा ही नहीं जाता। मुख्तार की यह आदत गांव के लोगों के लिए कौतूहल का विषय है। प्रतिदिन उनका यह कृत्य देखने के लिए गांव के बच्चे मैदान में जमा हो जाते हैं। फिलहाल वे स्वस्थ्य हैं।

चिकित्सक की राय
बक्सर : शहर के प्रमुख चिकित्सक व हृदय रोग विशेषज्ञ डा. अरुण कुमार से इस संबंध प्रश्न किया गया। डाक्टर के अनुसार यह बीमारी खून में आइरन की कमी से होता है। कई बार देखा जाता है कि गर्भवती महिला भी ईट अथवा खपरैल का टुकड़ा खाने लगती है। इन दोनों का लक्षण एक ही है। ऐसे मरीज को आइरन की गोली दी जानी चाहिए। इससे बीमारी में लाभ मिलता है।

मुख्तार को देखने जमा हुए लोग
मुख्तार को देखने जमा हुए लोग

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