बक्सर खबरः गुरू पूर्णिमा के अवसर पर आरएसएस द्वारा उत्सव मनाया गया। कार्यक्रम का आयोजन डुमरांव नगर ईकाई द्वारा अभ्यासार्थ मध्य विद्यालय में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता लक्ष्मण सिंह ने की तथा संचालन सुशिल कुमार ने की। लक्ष्मण सिंह ने कहा कि संघ के नजर में गरूपूर्णिमा का विशेष महत्व है। क्योंकि हम इंसान को नही भगवा झंडा को गुरू मानते है। क्योंकि भगवा ध्वज अनंत काल से हमारा राष्ट्र ध्वज है। परम पूज्यनीय डां. केशव बलिराम हेडगोवार जी ने 1925 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना हुयी। उसी समय भगवा ध्वज अपनाया गया। इसी कारण हम परम पवित्र भगवा ध्वज को गुरू मानते है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथी के रूप में पहुंचे युवराज चंद्र विजय सिंह ने कहा कि भगवा ध्वज का निर्माण संघ ने नही किया। संघ ने तो उसी परम पवित्र भगवा ध्वज को राष्ट्रीय ध्वज के रूप् में स्वीकार किया। जो हजारों वर्षो से राष्ट्र व धर्म का ध्वज था। भगवा ध्वज के पीछे इतिहास है। परम्परा है। वह हिन्दू संस्कृति का द्योतक है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का निर्माण हिन्दू धर्म, हिन्दू संस्कृति, हिन्दू राष्ट्र के रक्षा के लिए ही बना है। संघ किसी व्यक्ति की पूजा नही करता है। इसलिए भगवा ध्वज को गरू माना गया है। सिंह ने कहा कि लक्ष्यों के कारण आज संघ सर्वव्यापी व सर्वग्राही बनते जा रहा है। संघ समाज के सभी वर्गो से सीधा संबंध रखता है। इस मौके पर राजीव भगत, दुर्गेश सिंह, दीपू वर्मा, अजय सिंह, सुनिल सिद्र्धात सहित सैकड़ो संघ के कार्यकर्ता मौजूद थे।