बक्सर खबर : जिले का जन संपर्क विभाग प्रशासन और मीडिया के बीच दीवार बन गया है। यहां कुछ दलाल किस्म के लोग हावी हो गए हैं। जिसका ताजा उदाहरण नगर परिषद चुनाव है। 21 मई को होने वाले नगर परिषद चुनाव के लिए मीडिया द्वारा प्राधिकार पत्र का आवेदन इस कार्यालय को सौंपा गया था। बावजूद इसके महज आधा दर्जन लोगों को ही प्राधिकार पत्र निर्गत किया गया। वह भी वैसे समय में जब मतदान की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई थी। अधिकांश संवाददाता इस सुविधा से वंचित रह गए। बक्सर पत्रकार संघ को जब पता चला तो इसका पुरजोर विरोध किया या। दलालों से घिरे जनसंपर्क विभाग की कलई पत्रकारों ने मतदान के दौरान डीएम रमण कुमार से मिलकर सामने रखी। उन्होंने कहा मेरे पास फाइल 20 तारीख की रात पहुंची। जिनका आवेदन उसमें था, हमने उसे जारी कर दिया।
बक्सर पत्रकार संघ के सदस्यों ने इस सिलसिले में जन संपर्क पदाधिकारी से बात करने लिए फोन किया। पहले तो गोल-मटोल जवाब दे डीएम के उपर गेंद फेंकी। लेकिन जब डीएम रमण कुमार का जवाब उनको बताया गया। फोन उठाना ही उन्होंने बंद कर दिया। बक्सर पत्रकार संघ ने इस व्यवस्था के खिलाफ निर्वाचन आयोग, निदेशक सूचना जन संपर्क विभाग एवं डीएम को शिकायत सौंपने का निर्णय लिया है। पत्रकार संघ के अध्यक्ष अविनाश उपाध्याय ने कहा यह पहला मौका नहीं है। जब ऐसा किया गया। विधान परिषद चुनाव में भी मतदान के एक दिन पहले प्राधिकार जारी किया गया था। पंचायत चुनाव के दौरान भी नाहक पत्रकारों को अंतिम तिथि तक दौड़ाया गया। इसका प्रमाण जन संपर्क विभाग की फाइलें हैं। इस विभाग का कार्य मूल रुप से मीडिया और प्रशासन के बीच आपसी तालमेल तथा सरकारी सूचना को उनके माध्यम से जनजन तक पहुंचाना है। लेकिन मौजूदा वक्त में कुछ लगत लोगों की सोहबत के कारण यह कार्यालय दलालों का अड्डा बन गया है। हालाकि इस बीच सूचना मिली है। मीडिया की तरफ से बढ़ते विरोध को देखते हुए सोमवार को आन-फानन में कुछ पत्रकारों का पास सोमवार को जारी किया गया। जिससे वे मंगलवार को होने वाली मतगणना में शामिल हो सके। बक्सर पत्रकार संघ ने कहा यह मामला इससे शांत नहीं होगा। मीडिया को पास जारी करने का निर्देश भारत निर्वाचन आयोग की गाइड लाइन में है। इसकी अनदेखी को जिम्मेवार जो हो। उसके खिलाफ शिकायत मुख्य निर्वाचन अधिकारी तक जाएगी।