बक्सर खबर : बिहार कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा रद्द हो जाने के बाद बिहार की भद्द पीट रही है। वहीं कुछ लोग इसे सरकार का सराहनीय कदम बता रहे हैं। आकलन के इस खेल में सच जो हो। अपने जिले के लोग सर धुन रहे हैं। सूचना के अनुसार जिले के लगभग 60 हजार प्रतिभागी इस परीक्षा में शामिल हो रहे थे। इनमें से 50 हजार आवेदक ऐसे हैं। जिनकी उम्र सीमा अब वर्ष 35 को पार कर जाएगी। अर्थात सरकारी नौकरी मिलने से रही। ऐसे आवेदक अपनी किस्मत पर रो रहे हैं। उनका गुनाह यही है कि वे बिहार में हैं। इस बीच एक जुमला शहर में इन दिनों आम है। टाप कराए लालकेश्वर, नौकरी दिलाए परमेश्वर इनके चक्कर में बर्बाद हो गया बरमेश्वर (अर्थात बक्सर)।
क्योंकि इस बार की परीक्षा में वैसे प्रतिभागी शामिल थे। जिन्होंने वर्ष 2014 आवेदन किया था। दो वर्ष बाद परीक्षा शुरु हुई थी। वह भी रद्द हो गई। अब इनके भविष्य का क्या होगा। यह तो सुशासन बाबू व उनके बड़े भाई ही जाने। वहीं तीसरी तरफ आल इंडिया स्टूडेन्ट फेडरेशन उत्सव मना रहा है। उसका कहना है, यह हमारी जीत है। पूरे प्रदेश से हमने इसके लिए दबाव बनाया। चयन परीक्षा रद्द हो गई। यह हमारी सफलता है। गुरुवार को चरित्रवन स्थित ए आई एस एफ कार्यालय पर विजय उत्सव मनाया गया। जिसमें राज्य की छात्र संयोजिका लक्ष्मी कुमारी, जिलाध्यक्ष सरिता कुमारी, विमल कुमार सिंह, किशन वर्मा, प्रभात कुमार, पृथ्वी कुमार, कुमार राज, प्रिया पांडेय, गुंजन कुमारी, दीपक, सोनू व अमन आदि ने हिस्सा लिया।