बक्सर खबर : कुख्यात अपराध कर्मी ओंकार नाथ सिंह उर्फ शेरु सिंह ने फांसी से बचने के लिए नयी योजना बनायी है। उसके अधिवक्ता ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर कर अपने मुवक्किल को बेकसुर बताया है। अर्जी में कहा गया है कि जिस हत्या में उसे सजा हुई है। उस वक्त आरोपी नाबालिग था। नव जनवरी को इस मामले की सुनवाई हुयी है। हालाकि इसकी तस्दीक करने के लिए कई लोगों से बात की गयी। सभी बयान देने से बचते रहे। यहां सिविल कोर्ट में उसका मुकदमा देखने वाले अधिवक्ता अरुण राय ने कहा ऐसी सूचना मिली है। पर मुकदमें के बारे में मुझे पूरी जानकारी नहीं है। सूत्रों की माने तो शेरु सिंह की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि वह अबोध था। उसे भले बुरे का ज्ञान नहीं था। इसकी जांच करायी जाए। पक्षकार ने इसके लिए हाई स्कूल में दर्ज जन्म प्रमाण पत्र को आधार बनाया है। फिलहाल सर्वोच्च न्यायालय ने क्या निर्देश दिया है। इसकी जानकारी नहीं मिल पायी है।
क्या है पूरा मामला
बक्सर : शेरु सिंह ने 11 अगस्त 2011 को अपने साथी चंदन मिश्रा के साथ मिलकर चुना व्यवसायी राजेन्द्र केशरी की हत्या कर दी थी। पुलिस ने दोनों को कोलकत्ता से पकड़ा। इस बीच सुनवायी के दौरान 17 दिसम्बर 2012 को सिविल कोर्ट से शेरु भाग निकला। पुलिस ने पुन: उसे गिरफ्तार कर जेल पहुंचाया। नगर थाना कांड संख्या 231/11 में सुनवाई करते हुए जिला जज प्रदीप कुमार मलिक ने 16 मई 16 को फांसी की सजा सुनाई। उसे प्रतिबंधित हथियार से हत्या करने का दोषी पाया गया था। फिलहाल इस मामले में अपने को बचाने के लिए वह जुगत लगाए हुए हैं। घटना के अन्य आरोपी चंदन मिश्रा व शेरु के चाचा दिनबंधु सिंह को पहले ही आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है।