बक्सर खबर : मन की शांति के लिए मनुष्य न जाने कितने प्रयास करता है। पर वह तभी प्राप्त हो सकती है जब हम अध्यात्मिक चेतना को जगाए। यह कथन अमेरिका की सावित्री दीदी का है। परमात्मा आराधना में लीन अमेरिका की नागरिक ने अपना नाम तक बदल लिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में जो अपनत्व है व किसी में नहीं है। भारतीय दर्शन से प्रभावित विदेशी नागरिकों का मेला इन दिनों जिले के तिवारी पुर गांव में लगा हुआ है। पिछले सप्ताह भर से यहां आए लगभग सौ की संख्या में स्त्री और पुरुष भगवान कृष्ण के प्रेम स्वरुप के उपासक हैं। यह सभी जानते हैं भगवान सबकी सेवा और भक्ति से खुश होते हैं।
पिछले सात दिनों से सदर प्रखंड के तिवारीपुर में जमे यह लोग गौडिय़ा संप्रदाय के महान संत परमपद प्राप्त नारायण गोस्वामी जी के गांव में आए हैं। जिन्होंने विश्व से लगभग 30 देशों में भारतीय संस्कृति के बीज फैलाए हैं। उन्हीं के कृपापात्र भक्तिवेदान्त मधुसुदन महाराज यहां पधारे हुए हैं। उन्होंने कहा कि भगवान ने अपनी लीला से जो भी संदेश दिया है वह मानव कल्याण के लिए है। प्रभु ने जितना प्रेम गरीब मित्र सुदामा जी से किया है। वह प्रमाण है, उन्हें सिर्फ स्नेह चाहिए दीखावा नहीं।
श्री मधुसुदन महाराज ने बताया कि प्रत्येक वर्ष हम यहां आते हैं। हमारे साथ प्रत्येक वर्ष यह परदेशी प्रभु पे्रमी भी यहां आते हैं।
आश्चर्य हुआ और गौरवान्वित भी की यह गांव बक्सर में है!मैं डुमराँव का होकर भी अपरिचित था इस जगह से।लेखक महोदय आपसे मिली इस जानकारी से मैं बहुत प्रभावित हूँ।गजब की खोज है आपकी।
धन्यवाद स्वीकार करें।
अजित मिश्र
चाणक्य कॉलोनी डुमराँव
ये तिवारीपुर कहां है ? अविनाष जी !
कभी आय जायें तो मुझे भी ले चलिये |