बक्सर खबर : जिले में विकास का पहिया चल नहीं रहा। उसे धक्का दिया जा रहा है। समाहरणालय को ही देख लीजिए। यहां का हाल इतना बुरा है, जिसका अनुमान लगाना मुश्किल है। दिखावे के लिए तामझाम इतना है कि देखने वाले घबरा जाएं। लेकिन, काम के लिए चक्कर काटने वाले दौड़ते-दौड़ते उकता जाएं। कोई कार्य समय नहीं होता। यह हाल एक नहीं सभी विभागों का है। जहां लोगों की ज्यादा भीड़ है।
वहां खुली लूट मची है। बक्सर खबर आपके सामने इसका हाले बयां प्रस्तुत करेगा। कुछ अधिकारी अपनी सफाई में कहते हैं। क्या करें, एक-एक व्यक्ति को कई-कई विभाग का जिम्मा मिला हुआ है। हालाकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। लेकिन, प्रभार कई मिलने से पदाधिकारी खुद को अधिकारी समझ रहे हैं। लोक सेवक शब्द स्मृति से ओझल हो गया है। इसकी एक मुख्य वजह यह भी है कि गांधी जी अब सेंटर में आ गए है।
हाले बयां श्रम विभाग
बक्सर : जिले में श्रम विभाग कार्य करता है। कहने को यह विभाग छोटा है। पर इसके पदाधिकारी की तो पूछिए नहीं। श्रम अधीक्षक की कुर्सी पर बैठे जनाब को फुर्सत नहीं। वजह यह है कि वे कभी आई एस एस को ट्रेनिंग देते हैं। कभी इंटर तो कभी मैट्रिक की परीक्षा लेते हैं। वे ऐसा इस लिए करते हैं क्यूं कि डीएम साहब ने उनको इसका निर्देश दिया हुआ है। शायद उस आदेश में यह भी कहा गया हो, यह काम करीए और अपना काम छोड़ दीजिए ! हालाकि सरकार ने लोगों को परेशानी से बचने के लिए आनलाइन आवेदन की सुविधा दे रखी है। पर अधिकारी है कि जब चाहे आफ लाइन हो जाते हैं। अब उनको कौन आन-लाइन करेगा ??