बक्सर खबरः मां डुमरेजनी की वार्षिक पूजा सोमवार को संपन्न हुई। वैदिक मंत्रोच्चारके बीच संपन्न हुए वार्षिक पूजा में नगरवासियों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। सुबह लेकर से देर शाम तक मंदिर परिसर में हजारों श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। मां डुमरेजनी मंदिर जाने वाले किसी भी पथ पर पूरे दिन तिलभर भी जगह नहीं बची थी। बताया जाता है कि मां डुमरेजनी भक्तों की मनोकामना पूरी करती है। नगर देवी के रूप में प्रतिष्ठित मां डुमरेजनी के संबंध में कई मान्यताएं जुड़ी है। मान्यता है कि शादी के बाद अपने पति के साथ ससुराल जा रही थी।
तब डुमरांव घने जंगलों से घिरा था। रात होने के कारण घने जंगल में स्थित एक तालाब के किनारे उनका कांरवा रूक गया था। जहा अतातायी चेरों खरवारों नेे लूट मार के क्रम में उनके पति रंजीत पांडेय की हत्या कर दी थी। तभी नागिन की तरह फूंफकारती मां डुमरेजनी ने चेरों खरवारों के नाश होने का श्राप दे शती हो गई थी। कहा जाता है कि उस घटना के बाद चेरों खरवारों की कबिलाई बस्ती वीरान पड़ गई। कुछ साल बाद मां ने किसी नागरिक को स्वप्न दिखा सारी घटना बताई थी। तब जाकर वहा मंदिर की स्थापना कर उनकी पूजा की जाने लगी। बताया जाता है के मां डुमरेजनी भक्तों की हर मुराद पुरी करती है। यही कारण है कि वार्षिकोत्सव में पूरे दिन श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही।