बक्सर खबर : पिछले कई दिनों से शिकायत मिली रही थी। उत्पाद अधीक्षक के कार्यालय में रुपये का खेल चल रहा है। चेकपोस्ट पर रोज ही पांच दस लोग शराब के सेवन में पकड़े जाते हैं। उन्हें छोडऩे के लिए विभाग के अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक के यहां पैरवी पहुंचती है। ऐसा करने के लिए मोटी रकम वसूली जा रही है। इन आरोपों में कितना दम है। इसके साक्ष्य नहीं मिल रहे थे। पर शनिवार को पूरी कहानी खुलकर सामने आ गयी। सोहनी पट्टी के युवक मो. सुलेमान को छुड़ाने पहुंची मां जरीना बेगम से दस हजार रुपये की मांग की गयी। वहां पहले से कुछ लोग हंगामा कर थे। विभाग के खिलाफ नारे लगा रहे थे। उनका कहना था कि शुक्रवार की रात प्रशासन ने 8 लोगों को पकड़ा था। जिसमें से दो लोगों ने छोड़ दिया गया है। महिला ने भी दस हजार रुपये कहीं से लाकर साहब के टेबल पर रख दिए। मीडिया के लोग भी पहुंच गए। कुछ लोगों ने तस्वीर भी ले ली। इतना होते देख उत्पाद अधीक्षक आग बबुला हो गए। उन्होंने कहा कि मुझे फंसाने की साजिश की जा रही है। विरोध करने वाले सोहनी पट्टी के नेता चक्रवर्ती चौधरी का आरोप था कि रुपये लेकर यहां के अधिकारी अलकोहल की मात्रा कम बता अगले दिन कुछ लोगों को छोड़ देते हैं। अगर जेल भेजना है तो सभी को भेंजे। किसी को पकडऩा किसी को छोडऩा नहीं चलेगा। विवाद इतना बढ़ा की उत्पाद अधीक्षक मनोज कुमार को अपनी साख बचाने के लिए इंस्पेक्टर संजय पासवान के खिलाफ कार्रवाई के लिए विभाग को लिखा है। वहीं सूचना यह भी मिली है इस मामले में संजय के खिलाफ नगर थाने में प्राथमिकी भी दर्ज की गयी है।