बक्सर खबर : औद्योगिक थाने की पुलिस किस तरह मामलों को निपटाती है। यह पूरे जिले को पता नहीं चलता। ताजा उदाहरण बहुत ही गरीब सीता राम पाल से जुड़ा है। यह व्यक्ति चुरामनपुर गांव का रहने वाला है। पिछले माह की 16 तारीख से यह लापता है। वह भी अकेले नहीं 40 बकरियों के साथ। परिजनों ने उसकी तलाश आस-पास के कई गांवों में की। लेकिन कुछ भी पता नहीं चला। अंत में थक हार कर उसकी पत्नी लालमुनी देवी ने थाने को सूचना दी। पर सच यह है कि गरीब की सुनने वाला कौन है।
तथाकथित समाज सेवी हो या जिले की मीडिया। किसी को उसकी चिंता नहीं। लापता सीताराम केभाई सुरेश पाल ने बताया हमारे पास उनकी फोटो भी नहीं। आधार कार्ड वाली है, लेकिन उनका कोई पता नहीं चल रहा है। जरुर किसी ने उनको बकरियों समेत अगवा कर लिया है। इस चिंता में पूरा परिवार मरा जा रहा है। संबंधित थाने की पुलिस है कि उसे इसकी चिंता ही नहीं। क्योंकि उसके पास एक ही काम थोड़े है। थानाध्यक्ष से इस बाबत जानने के लिए फोन किया गया। लेकिन, फोन रिसिव हुआ न उसका जवाब आया। पिछले दो दिनों से लापता व्यक्ति का भाई बार-बार बक्सर खबर को फोन किए जा रहा है। थाने क्यों नहीं जाते। उसका जवाब ऐसा है कि लिखना भी अच्छा नहीं।