बक्सर खबर : सरकारी स्कूलों में गुणात्मक सुधार के लिए प्रशासन ने इन दिनों स्कूल की सख्ती बढ़ायी हुई है। रोज ही टीम बनाकर शिक्षा विभाग के अधिकारी गांव-गांव पहुंच रहे हैं। जिन बिंदुओं पर जांच हो रही है। वे सभी स्कूल व्यवस्था को चुस्त करने के लिए निहायत ही जरुरी हैं। विद्यालय के प्रधानाध्यापक से लगायत शिक्षक व मध्यान भोजन बनाने वाली रसोइयों तक को इस दायरे में रखा गया है। अधिकारियों से बातचीत में जो जानकारी प्राप्त हुई है। वह निम्न हैं
1 समय से आगमन व प्रस्थान
2 समय सारणी के अनुरुप वर्ग का संचालन। स्कूल में अनिवार्य रुप से घंटी होनी चाहिए।
3 सभी शिक्षक पाठ टिका अर्थात लेशन प्लान तैयार करें। उसके अनुसार शिक्षण करें। ( किस कक्षा में आपने क्या पढ़ाया इसका विवरण सभी के पास होना चाहिए)
4 समय सारणी दीवार और टेबल पर लगी हो।
5 माह जुलाई में 75 प्रतिशत छात्र व शिक्षक 90 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है।
6 सभी विद्यालयों में निरीक्षण पंजी अनिवार्य रुप से रहे। ( नहीं हो तो बना लें)
7 सभी छात्र दो कांपी अपने पास अनिवार्य रुप से रखें।
8 वर्ग कार्य एवं गृह कार्य अवश्य थे। उसका मूल्याकंन भी होना चाहिए। जिससे गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा दी जा सके।
9 एमडीएम बंद न करें। अगर राशि अथवा चावल के कारण बंद हो जाए तो इसकी लिखित सूचना बीआरसी पर होनी चाहिए।
10 प्रत्येक सप्ताह में शनिवार को अभिभावक बैठक अनिवार्य।
11 प्रधानाध्यापक बगैर आवेदन स्वीकृत किए किसी को अवकाश न दें।
12 एमडीएम द्वारा प्रदत में रसोइयों को रहना है। रसोई में और उसके आस-पास गंदगी नहीं होनी चाहिए।
इसके अलावा यह जांच दल पिछले तीन वर्षो के दौरान कितनी राशि किस योजना में प्राप्त हुई। उसे कितने छात्रों के बीच वितरित किया गया। इसका विवरण भी सहेज कर रखें।