बक्सर खबर : सरकारी खजाने से एक करोड़ पन्द्रह लाख पचहत्तर हजार रुपये हड़पने वाला पंकज ही इस पूरे मामले का मास्टर माइंड हैं। 10 मई को न्यायालय में आत्मसमर्पण करने वाले पंकज को पूछताछ के लिए रविवार को ही रिमांड पर लिया गया था। न्यायालय से इसे तीन दिन की तक पूछताछ की अनुमति मिली थी। नगर थाने में इसे लाकर रखा गया था। पिछले दो दिनों से लगातार बिंदुवार उसका बयान दर्ज किया जा रहा है। अभी तक की जांच में यह बात सामने आ रही है कि यह सबकुछ उसी का किया धरा है। मीडिया में यह खबरें आयी थी कि उसका हाथ हिलता है। जिसके कारण वह डीएम व नजारत उप समाहर्ता का फर्जी हस्ताक्षर नहीं बना सकता। जब पुलिस ने अपनी मौजूदगी में उससे हस्ताक्षर कराए तो यह बात स्पष्ट हो गयी कि वह हस्ताक्षर कर सकता है। अधिकारियों ने बताया कि सोमवार की शाम उसे वापस केन्द्रीय जेल भेज दिया गया। इस संदर्भ में बात करने पर पुलिस कप्तान उपेन्द्र शर्मा ने कहा कि उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। सरकारी खाते से जो भी राशि निकली है। वह सारा रुपया उसके खाते में जमा हुआ है। उसका कहना है कि बहुत सा कर्ज उसके उपर हो गया था। जिसकी वजह से उसे यह करना पड़ा। हालाकि अकेले इतनी बड़ी राशि वह आसानी से निकाल नहीं सकता। यह बात भी सबके जेहन में उठ रही है। एसपी ने बताया कि उसके केस की फाइल भ्रष्टाचार निरोधक इकाई ले गयी है। वहां से भी इसकी जांच प्रारंभ हो गयी है। वहां से कस्टडी वारंट आने पर उसे पटना भी भेजा जाएगा।