बक्सर खबर : हरेन्द्र सिंह की हत्या ने कई लोगों को बेनकाब कर दिया। कुख्यात अपराधी संतोष पासवान को इस परिवार ही आह लगी और वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया। घटना की जानकारी डीएसपी शैशव यादव ने मीडिया को दी। शुक्रवार को नगर थाने में आयोजित प्रेस वार्ता दौरान यह सामने आया कि हत्या की योजना में दस लोग शामिल थे। जिनमें पांच आज जेल भेजे जा रहे हैं। मुख्य कड़ी विकास वर्मा पहले ही जेल जा चुका है। शुक्रवार को जिन अन्य पांच को जेल भेजा गया। उसमें संतोष पासवान उर्फ भूलर पासवान, पिता सिद्धनाथ पासवान ग्राम महदह, थाना मुफस्सिल, अजय पांडेय राजपुर, रिंकू यादव बक्सर, रामाशिष उर्फ चलरी उर्फ चतुरी भर ग्राम कुकुढ़ा थाना इटाढ़ी, जयराम पासवान धनसोई।
पांच लाख में तय था सौदा
बक्सर खबर : हरेन्द्र की हत्या करने की सुपारी संतोष पासवान ने विकास वर्मा से ली थी। इसके बीच में रिंकू यादव व मदन पासवान थे। उसे सिर्फ 36 हजार रुपये मिले। हत्या के अगले ही दिन वर्मा जेल चला गया। जिसको लेकर संतोष रिंकू यादव रुपये के लिए दबाव बनाने लगा। उसमें यह बात भी होने लगी कि सौदा पांच नहीं सिर्फ दो लाख का है। पुलिस को इसकी भनक लगी और वहीं से इसका पीछा शुरु हुआ।
दिनारा के गुमसेज से हुई गिरफ्तारी
बक्सर : पुलिस को यह पता लग गया कि संतोष रुपये के लिए बक्सर आया है। वहां से पीछा शुरु हुआ। वह चकमा देने के लिए पहले कैमुर जिला की तरफ भागा। बक्सर पुलिस ने तुरंत रामगढ़ थाने को सूचित किया। तभी बीच में ही उसने रास्ता बदल दिया। वहां से सीधे रोहतास जिला के दिनारा में पहुंच गया। वहां जाकर एक राइस मिल में छिपा। वह वहीं दबोच लिया गया।
पसहरा लख की जमीन बनी विवाद का कारण
बक्सर : विकास वर्मा और रिंकू यादव कंपनी ने कुछ माह पहले सिकरौल नहर के पसहरा लख के पास एक जमीन का प्लाट विधवा महिला से लिखवाया है। सस्ती दर पर हुए सौदे में उस महिला को सिर्फ पांच लाख रुपये दिए गए हैं। इसकी भनक हरेन्द्र सिंह को लगी। उनका रुपया विकास वर्मा पर बाकी था। वे इसके लिए दबाव बनाने लगे। जिससे परेशान इन लोगों ने उनको निपटाने की योजना बना ली।
पच्चीस हजार का ईनामी है संतोष, बक्सर पुलिस को मिलेगा रिवार्ड
बक्सर खबर : संतोष पासवान पर पच्चीस हजार रुपये का इनाम घोषित है। इस इनाम की हकदार बक्सर पुलिस है। उसे यह रिवार्ड जरुर मिलेगा। यह जानकारी पुलिस कप्तान उपेन्द्र कुमार शर्मा ने दी। वहीं सूत्रों ने बताया कि बक्सर पुलिस इस मामले में लक्की है। क्योंकि महज आठ दिन पहले ही संतोष के उपर इनाम घोषित हुआ है। अगर वह पहले पकड़ा जाता तो इनामी अपराधी पकडऩे का श्रेय राजपुर पुलिस को नहीं मिलता। इस पूरे अभियान में सबसे अहम भूमिका राजपुर के थानाध्यक्ष राकेश कुमार व एसपी द्वारा गठित डीआइओ टीम की है। लेकिन इन सबसे अलग पूरे खेल में एसपी उपेन्द्र शर्मा का सबसे बड़ा योगदान है।
दर्ज है अटठारह मामले, पांच में थी तलाश
बक्सर : कभी जीप का खलासी रहा संतोष पासवान मुफस्सिल थाने का मुखबीर भी हुआ करता था। इसका नाम पहली बार बक्सर स्टेशन से चोरी हुई बोलेरो की घटना में सामने आया। जिसके बाद संतोष जेल भेजा गया। इस बीच यह केन्द्रीय जेल से भागने में भी सफल रहा। दुबारा पकड़ा गया। लेकिन नौ माह पहले वह जमानत पर बाहर आ गया। किसी को इसकी भनक नहीं लगी। उसके कुछ दिन बाद ही इसने राजपुर थाना के पलियां गांव में युवक की हत्या कर दी। एक-एक कर कुल पांच नए मामले इस दर्ज हो गए। जिनमें हरेन्द्र की हत्या व पिछले सप्ताह ही रामगढ़ में हुई बाइक लूट का मामला है। इसके पास से जो बाइक पुलिस ने बरामद की है। वह उसी लूट कांड की है। कैमुर पुलिस ने इसकी पुष्टि कर दी है।