बक्सर खबर : डुमरांव के सरोज को शायद आप सभी पहचानते हों। बंधनपटवा मुहल्ला निवासी अशोक प्रजापति के इस आठ वर्षीय बेटे के दिल में छेद था। इसकी खबर कई बार अखबार और सोशल मीडिया पर आयी। गरीब परिवार के बच्चे को बचाने के लिए कई सामाजिक संगठन आगे आए। डुमरावं के एबीवीपी कार्यकर्ता दीपक यादव ने मुहिम छेड़ी। इसके बाद जिला मुख्यालय में एबीवीपी नेता रामजी सिंह ने इसकी कमान संभाली। सबके सहयोग से तीन लाख पैसठ हजार रुपये जमा हुए। इस वर्ष जनवरी माह में उसके दिल का आपरेशन मुंबई के अस्पताल में हुआ। लगभग एक माह रहने के बाद वह वापस लौटा। इस बीच सबकुछ ठिक चल रहा था। पर शुक्रवार की रात अचानक उसकी तबीयत खराब हुई। घर वालों के अनुसार उसे उल्टी आने लगी। तत्काल अनुमंडलीय अस्पताल ले जाया गया। वहां आक्सीजन नहीं होने की बात कह उसे सदर अस्पताल भेजा गया। उस वक्त रात के लगभग बारह बज रहे थे। घर वाले किसी तरह इंतजाम कर उसे सदर अस्पताल भागे। पर होनी को कुछ और ही मंजूर था। चुरामनपुर आते-आते सरोज ने सदा के लिए आंखे बंद कर लीं। लोगों की दुआएं अंतत: काल के आगे हार गयी। सबका सरोज हमेशा के लिए चला गया। लेकिन अपने पीछे यह सवाल छोड़ गया। बिहार में बहार है पर डुमरांव के अस्पताल में बीमार बच्चे के लिए आक्सीजन गैस नहीं, ऐसा क्यूं ?