बक्सर खबर : विद्वान और महान रचनाकार प्रो: विजयानंद तिवारी की दुसरी पुण्यतिथि शनिवार को मनायी गयी। नगर के ज्योति प्रकाश पुस्कलाय में एकत्र हुए साहित्य प्रेमी लोगों ने उन्हें पुष्पांजली अर्पित की। प्रो: तिवारी अब हम सभी के बीच नहीं हैं। पर सच ही कहा है किसी ने रचनाकार अपनी रचनाओं में हमेशा जीवीत रहता है। जगरम प्रतिका के संपदाक रहे तिवारी जी की याद में भोज थियेटर व प्रतिश्रुति ने मिलकर आयोजन किया था। उनके जीवन पर आधारित स्मारिका ‘समर अभी शेष है “ का विमोचन किया गया। सभी वक्ताओं ने उनकी रचनाओं और उनके व्यक्तित्व का बखान किया। इस अवसर को भुनाने के लिए गोष्ठी का आयोजन भी हुआ था। विषय था -बोल कि लब आजाद हैं तेरे। किसके लब आजादी का क्या मतलब समझते हैं। यह तो आयोजक समझे और उसकी विवेचना करने वाले। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व मुख्य पार्षद मीना सिंह ने किया। मौके पर मजे साहित्यकार ऋषिकेश पाठक, कुमार नयन, अरुण मोहन भारवी, विष्णु देव तिवारी, रामेश्वर वर्मा स्मारिका के संपादक डा: दीपक राय उपस्थित थे। समापन पर धन्यवाद ज्ञापन तिवारी जी के पुत्र विनय तिवारी ने किया। उनकी दोनों पुत्रियां भी उपस्थित रहीं।