अज्ञान से ज्ञान की ओर परिवर्तन का प्रतीक मकर संक्रांति-दुबे

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बक्सर खबरःसामाजिक दायित्वों तथा समाज के सभी वर्गो के लोगों को साथ लेकर चलने की परंपरा का निवर्हन करते हुये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने शुक्रवार को सामाजिक समरसता के रूप में मकर संक्रांति का त्योहार मनाया। इस दौरान संघ की डुमरांव नगर इकाई द्वारा नगर के हरिजी के हाता व राज हाईस्कूल के प्रांगण में दलित परिवार के साथ दही चूड़ा व तिलकूट का सहभोज का आयोजन किया। हरिजी के हाता में आयोजित सह भोज में स्वामी विवेकानंद संयुक्त विद्यार्थी शाखा के द्वारा आयोजित समरसता भोज पर अपने उदबोधन में प्रो नंदजी दूबे ने कहा कि मकर संक्रांति का अपना अलग महत्व है। यह निष्क्रियता से सक्रियता की ओर, अज्ञान से ज्ञान की ओर परिवर्तन का प्रतीक है। उन्होंने सामाजिक विकृतियों को दूर करने के लिये बुद्धिजीवियों को समय देने तथा स्वार्थ की त्याग कर राष्ट्रीयता की भावना विकसित करने की बात कही। सहभोज कार्यक्रम की अध्यक्षता रामजी प्रसाद ने व संचालन भरत श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर सुरेन्द्र प्रसाद, कन्हैया, रघुवर प्रसाद, राजीव भगत, सह जिला शारीरिक प्रमुख सुधीर कुमार, उपेन्द्र चैबे, कमलेश प्रसाद, आदि स्वयंसेवक उपस्थित रहे। दूसरी तरफ राज हाई स्कूल के खेल मैदान में आयोजित समरसता भोज की अध्यक्षता डुमरांव महाराज शिवांग विजय सिंह ने किया। इस अवसर उप उन्होंने कहा कि अहंकार एवं स्वार्थ के कारण ही सदियों से देश गुलाम रहा। वैसी स्थिति न आये इसलिये आरएसएस समाजिक समरसता का कार्य उत्सव के रूप में मनाया करता है। उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति के दिन आयोजित यह सहभोज उसी कड़ी का एक हिस्सा है। इस मौके पर टिंकू तिवारी, टुनटुन तिवारी, रमेश केशरी, निर्मल पहलवान समेत कई अन्य स्वयंसेवक उपस्थित रहे।

गरीबों को दही चूड़ा खिलाते शिवांग
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