अपने ही घर में कैद की सजा भुगत है दलित परिवार

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बक्सर खबरः अपने ही घर में कैद की सजा भुगतने की मजबूरी। मामला स्थानिय अंचल के मुरार गांव का है। दबंग अतिक्रमणकारियों ने एक परिवार का घर से निकलने के लिए रास्ता ही बंद कर दिया है। यह समस्या पिछले दो वर्षों से जिसके लिए पीडित परिवार इंसाफ के लिए कार्यालयों का चक्कर लगा रहा है। परन्तु अबतक इंसाफ नही मिला। सिर्फ अधिकारी जाते है देखकर चले आते है। मजदूरी कर अपनी जीविका चलाने वाले गरीब तबके के लोग के पास इतना पैसा नही है कि बड़ी अदालतों का दरवाजा खटखटाए। मुख्य दरवाजे के पास घेराबंदी हो जाने से आने जाने का रास्ता बंद हो गया। लिहाजा घर के लोग बाहर दुसरे की जमीन की तरफ दरवाजा खोल के आते ह। परन्तु चिंता सता रही है कि अगर पड़ोसी ने खाली जमीन पर मकान बना लिया तो कहां से निकलेगें।
अब तक नही मिला न्याय
पीड़ित मुनेश्वरी देवी पति राजाराम पासवान कहती है कि दो साल से इंसाफ के लिए सीओ, एसडीओ, एडीएम व डीएम के अलावे अनुमंडलीय लोक निवारण शिकायत का दरवाजा खटखटा चुके है। लेकिन दुर्भाग्य यह कि कानून की राग अलापने वाली सरकार के पदाधिकारी व नेता इस गंभीर समस्या का कोई हल आज तक नहीं निकाल पाए है। मुनेश्वरी देवी ने बताया कि अतिक्रमण हटाने को लेकर कई बार पदाधिकारियों ने आदेश जारी किए परन्तु सीओं कार्यालय हमेशा टाईम देकर नही आते है।

क्या है मामला
ग्रामीणों के अनुसार मुरार गांव में सड़क के किनारे कई जगह अतिक्रमण है। उसी का एक उदाहरण यह भी है। दो साल पूर्व सड़क के किनारे सरकारी जमीन में सरल पासवान द्वारा राजाराम पासवान के घर के आगे रातों-रात नाद व चरन बनाकर मुख्यद्वार घेर दिया गया।जिसके बाद से इनका रास्ता बंद हो गया। ये लोग इंसाफ के लिए इधर से उधर भटक रहे है। परन्तु अब-तक कोई कार्रवाई नही हुई।
कहते है सीओ
चैगाईं अंचलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार ने कहा की सरकारी जमीन को अतिक्रमण कर नाद व चरन बनाया गया है। जिससे मुनेश्वरी देवी का मुख्य निकास द्वार बंद है। सोमवार को अतिक्रमण हटाने के लिए हमलोग थाने में गये थे। परन्तु पुलिस बल नही होने के कारण नही हटाया जा सका। जल्द ही इसे तोड़ कर हटाया जायेगा।

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