बक्सर खबर : सिद्धाश्रम आम नगर नहीं है। यह हमेशा से अध्यात्म जगत के लिए किसी धाम की तरह पवित्र नगरी रही है। जिस तरह भगवान राम के जन्म से अयोध्या का महत्व है। जनकपुर में सीता जी के जन्म के कारण वहां का महत्व है। उसी तरह सिद्धाश्रम प्रभु श्रीराम का गुरुधाम है। अगर कहें तो अयोध्या और जनकपुर का केन्द्र भी बक्सर ही है। यह बातें अंतर्राष्ट्रीय भागवत कथा वाचक श्रीकृष्ण चन्द्र शास्त्री जी उपाख्य ठाकुर जी ने कहीं। सीताराम विवाह महोत्सव में इस वर्ष कथा कहने के लिए उनका आगमन हुआ है। उन्होंने कथा के दौरान कहा भगवान राम व श्रीकृष्ण जी एक ही हैं। वे सूर्य के उदय काल में प्रकट हुए। इस लिए बारह कला के स्वामी थे। श्रीकृष्ण चन्द्र काल में अवतरित हुए। इस लिए वे सोलह कला के स्वामी थे। दोनों एक ही हैं, नारायण के अवतार। यहां पहुंचने पर प्रवचन पंडाल में पहले दिन आश्रम के महंत राजाराम जी आदि ने व्यास गद्दी पर उनका पूजन किया। इस बीच ठाकुर ने जी ने बताया कि रविवार से वे दोपहर 2 बजे से संध्या 6 बजे के बीच कथा कहेंगे। पूछने पर उन्होंने बताया कि 18 वर्ष पहले यहां कथा कहने पधारे थे। डेढ़ वर्ष पहले अहिरौली में पूज्य जीयर स्वामी जी महाराज द्वारा आयोजित विश्व वैष्णव सम्मेलन में भी भगा लेने आए थे। वर्ष 2017 में उनका आगमन रामानुज सहस्त्राब्दी महोत्सव में होगा। जो आरा में होने वाला है।