बक्सर खबर : आदिवासी आंदोलन के महान जनक व स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के सपने आज भी अधूरे हैं। उनका नारा था अपना देश, अपनी सरकार। उन्होंने झारखंड के जंगलों में आदिवासी कल्याण के लिए जो संघर्ष किया। उसे आज भी याद किया जाता है। उनके त्याग की देन है जो आज भी उस क्षेत्र में उन्हें भगवान बिरसा मुंडा कहा जाता है। यह बातें वक्ताओं ने शुक्रवार को उनके शहादत दिवस पर कही। शहर के कोईरपुरवा इलाके में वसुधा केन्द्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्हें याद किया गया। पुण्य तिथि में वक्ताओं ने कहा।
अंग्रेजा ने उन्हें जेल में जहर देकर मारा था। सरकार को चाहिए कि उनकी पुण्य तिथि को शहादत दिवस के रुप में मनाया जाए। कार्यक्रम में अश्विनी कुमार चौबे, संतोष कुमार यादव सचिव, अभिषेक गोडवान, जुनैद आलम, आनंद राज, विवेक, रश्मि मिश्रा, आसिया, आकाश कुमार, पंकज कुमार, दानिश आदि शामिल हुए।