बक्सर खबर : सृष्टि के पहले पत्रकार देवर्षी नारद जी की जयंती शुक्रवार को मनायी गई। शहर के गोयल धर्मशाला में विश्व संवाद केन्द्र द्वारा प्रथम पत्रकार को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। कार्यक्रम की अध्यक्षता रामकथा वाचक डा. रामनाथ ओझा ने की। उनके अनुसार नारद जी में विशेष गुण था। वे देव और दानव दोनों के बीच आदर पाते थे। उन्होंने जग के भले के लिए अनेक कार्य किए। पर कभी उसके पात्र नहीं बने। मनुष्य को भी इससे सीख लेनी चाहिए। मुख्य वक्ता व कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कृष्णकांत ओझा ने कहा नारद जी पत्रकारिता के वे स्तंभ हैं।
जिन्होंने देव और दानव दोनों को चुनौती दी। वे गलत करने वाले का विरोध करते थे। उदाहरण के तौर पर उन्होंने गलत कार्य करने वाले इन्द्र को भी चुनौती दी और जन मानस, महात्माओं से उन्हें आहूति नहीं देने का आग्रह किया। पत्रकार उसी तरह आचरण करे। जो जनहित व मर्यादा के अनुरुप हो। उसका समर्थन करें। पत्रकार को नारद जी की तरह हमेशा जनता के बीच जाना चाहिए। आज के दौर में इंटरनेट पत्रकारिता तेजी से फैल रही है। जनहित में इसका प्रयोग बहुत ही सार्थक है। कार्यक्रम में शामिल सदस्यों ने यह निर्णय लिया। अगली बार इस मौके पर वृहद कार्यक्रम की योजना बनी। कार्यक्रम का संचालन विमल कुमार सिंह ने किया। मौके पर रविन्द्र नाथ राय, अतुल मोहन प्रसाद, चंदन प्रकाश, निर्भय राय, अविनाश, जगदीश चन्द्र पांडेय, मृत्युंजय सिंह, अविनाश सिंह, राहुल, मनोज तिवारी आदि उपस्थित रहे।