बक्सर खबर : बिहार में बहार है। पूरी सरकारी और उसका सिस्टम शराब की शीशी के पीछे भाग रहा है। क्योंकि इसमें वोट बैंक की राजनीति छिपी है। पर कानून का सच यह है कि चार माह की गर्भवती युवती न्याय के लिए थाने पहुंचती है। तो पुलिस उसे महिला सुधारगृह भेज देती है। प्रेम जाल में फंसा शादी करने वाला युवक मजे कर रहा है। उसने तीन दिन पहले दूसरी शादी कर ली। बावजूद इसके यहां का प्रशासन युवती को न्याय दिलाने के नाम पर टालमटोल कर रहा है। यह दर्द है गुजरात की रहने वाली पूजा कुमारी का। फूल सी दिखने वाली युवती 26 अप्रैल को महिला थाने पहुंची थी। उसके साथ मुकेश चौधरी ने छल किया है। जो सिमरी थाना के दुरासन गांव निवासी ब्रह्मदेव चौधरी का पुत्र है। वह पिछले कई वर्षो से गुजरात के चीन शहर में मोबाइल रीपेयर की दुकान चलाता है। चार वर्ष पहले इन दोनों के बीच प्यार हुआ। लगभग डेढ़ साल पहले मंदिर में इन्होंने शादी कर ली। तब से पूजा मुकेश के साथ ही रहती थी। वह चार माह से गर्भवती है। इस महीने उसके पति ने कहा कि मुझे गांव जाना है। वहां से मैं लौटकर आउंगा तो साथ ले चलुंगा। वह बिहार लौट आया, वहां पूजा अकेली रह गयी। इसी बीच उसे भनक लगी की वह दूसरी शादी करने वाला है। वह गुजरात से बक्सर पहुंची। किसी तरह महिला थाने गयी। पुलिस ने भी दुरासन का रुख किया। वहां पहुंचने पर पता चला कि आज की मुकेश की बारात बलियां जिला के किसी गांव के लिए निकल गयी है। यह जान महिला थाने की टीम वापस लौट आयी। न्याय की आस में यहां आयी पूजा को महिला सुधार गृह पटना भेज दिया गया।
महिला थाना का पक्ष
बक्सर : पूजा कुमारी मूल रुप से ग्राम गोपी गंज, थाना सनकदी, जिला मिर्जापुर की रहने वाली है। वह अपने पिता इन्द्रजीत तिवारी के साथ वहां रहती थी। जब वह यहां आयी तो पुलिस ने अपने स्तर से प्रयास किया। पूछताछ के क्रम में पता चला कि उसकी उम्र महज 17 साल है। नाबालिग होने के कारण उसे महिला सुधारगृह भेज दिया गया है। अब जो कार्रवाई होगी। वहीं से होगी।
डीसपी का बयान
बक्सर : नाबालिग किशोरी से शादी, शादी के बाद उसे छोड देना, फिर दूसरी शादी करने जैसे अपराध करने वाले युवक को पुलिस ने गिरफ्तार क्यूं नहीं किया। मामला तीन दिन पुराना है? इन प्रश्नों का जवाब देते हुए डीएसपी शैशव यादव ने कहा न्याय मिलेगा। जरुर मिलेगा। लड़की की शिकायत पर विचार किया जाएगा। जब उन्हें महिला थानाध्य के बयान से अवगत कराया गया तो उन्होंने कहा वह भी प्रोसेस है। पर सच यह है कि पुलिस ने उसकी शिकायत को रजिस्टर्ड ही नहीं किया। जो अपने आप में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना है।