बक्सर खबरः कलियुग में जन्म लेने वाले महान है। सतयुग, द्वापर व त्रेता युगों की अपेक्षा कलियुग के मानव को बहुत कम दिन का जीवन मिला है। इस कम जीवन में भी जो मानव धर्माचरण कर मोक्ष प्राप्ति करते है वे अन्य युगों के मानवों से कई गुना महान है। उक्त बातें त्रिदंडी स्वामी के परम शिष्य लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने बुधवार को कही। वे अनुमंडल के रूपसागर व बेलाव गांव में अपने भक्तों को संबोधित कर रहे थे।
स्वामी जी आरा से रोहतास जाने के क्रम में रूपसागर व बेलाब में करीब घंटाभर रूक अपने भक्तों को आशीवर्चन दिया। स्वामी जी ने बताया कि सतयुग में मनुष्य का उम्र 10 लाख वर्ष था। त्रेता में 1 लाख वर्ष व द्वापर में 10 हजार वर्ष था। लेकिन कलियुग में मात्र 100 वर्ष ही जीवन मिलता है। जिस कारण कलियुग में जीवन का महत्व अधिक है। स्वामीजी ने कहा कि 24 घंटे में लोगों का अधिकांश समय अपनी गृहस्थी के कार्यो में ही बीत जाता है। लेकिन बाकी समय में भी भगवान का स्मरण करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके पूर्व हजारों भक्तों ने जयघोष तथा फूल मालाओं से लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामीजी का स्वागत किया। मौके पर बेलाव मुखिया अजय पांडेय, परमानपुर के मुखिया अनिल चैबे, रविन्द्र दूबे सहित हजारों लोग थे।