बक्सर खबर : तस्वीर देख इस बेटी का दर्द आप महसूस कर सकते हैं। लोग उसे देख लाचार समझते हैं। पर सच्चाई कुछ और है। यह बेटी सारी चुनौतियों से लड़ती हुई मैट्रिक की परीक्षा दे रही है। आज ऐसे अनेक छात्र हैं। जिनके घर वाले उन्हें पढ़ाना चाहते हैं। बावजूद इसके वे पढ़ाई से भाग रहे हैं। उन सभी के लिए फूल कुमारी किसी प्रेरणा से कम नहीं है। घर वालों ने भी इसका नाम फूल कुमारी रखा है। वे अपनी बेटी को पढने भेज रहे हैं। यह सुखद एहसास है।
वह रोज ब्रह्मपुर से डुमरांव मैट्रिक की परीक्षा देने आ रही है। खुद चल नहीं पाती। क्योंकि उसके दोनों पैर बेजान हैं। लेकिन उसके हौसले में बहुत जान है। एक डंडे के सहारे वह डीके कालेज पहुंच जाती है। इस बीच रिक्शा व आटो वाले भी उसकी मदद करते हैं। ब्रह्मपुर गर्ल हाई स्कूल की छात्रा पहली पाली में परीक्षा देने गांव से यहां आती है। वह पश्चिमी टोला ब्रह्मपुर की निवासी है। हमें उम्मीद है, इस बच्ची का उत्साह व हौसला देख अन्य छात्र-छात्राएं प्रेरणा जरुर लेंगे। क्योंकि शिक्षा ही इकलौता माध्यम है। जिससे कमजोर भी सशक्त बन सकता है। इतना ही नहीं कोई भी दिव्यांग (विकलांग) अपने पैरों पर आसानी से खड़ा हो सकता है। जय हिन्द।