बक्सर खबर : शिक्षा वैसे होनी चाहिए। जो संस्कार व अनुशासन की सीख पहले दे। हम सिर्फ यहां स्कूल खोलने नहीं आए। एक ऐसी शुरुआत करने आए हैं। जिससे ग्रामीण परिवेश में रहने वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा दे सके। यह बातें सरेंजा में खुले चाणक्या स्कूल के बोर्ड आफ डायरेक्ट ने कही। आज हर जगह जान-मान-सान जैसे संस्थान खूल रहे हैं। लेकिन वैसे नाम से लोग परहेज करते हैं। जो हमारी संस्कृति व संस्कार को सीख देने वाले हैं। रामनवमी के मौके पर सरेंजा में इस विद्यालय का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर व दीप जलाकर किया गया।
मौजूद अतिथियों में एमवी कालेज के पूर्व प्राचार्य कामता चौबे, कालेज के प्रवक्ता श्याम जी मिश्रा, अशोक यादव कमांडर, रमाकांत सिंह मिंटू, ब्रह्मानंद पाठक, वीपी राय आदि ने संबोधित किया। कमांडर पद से सेवानिवृत हुए अशोक यादव ने कहा मैं यहीं पास के भरखरा स्कूल में स्लेट लेकर पढऩे जाया करता था। प्राथमिक विद्यालय के बोरे से देश के बड़े कालेज तक का सफर मैने किया है। आज हमें खुशी है। ऐसा माहौल अब गांव में मिलेगा। जरुरी है आप अपने बच्चों के साथ समय दे। उन्हें अनुशासन में रखें। संस्थापक सदस्य सूमन जी ने बताया कि फिलहाल यहां सातवीं तक की शिक्षा प्रारंभ होगी। प्रति वर्ष कक्षाओं का विस्तार किया जाएगा। हमने शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के वाराणसी से शिक्षकों की पूरी टीम को यहां आमंत्रित किया है। जिससे बेहतर शिक्षा का माहौल बन सके।