बक्सर खबर : पंचायत चुनाव का आगाज हो चुका है। 2 मार्च से ही नामांकन प्रक्रिया प्रारंभ होने वाली है। प्रचार प्रसार के लिए समय भी कम मिलेगा। ऐसे में देशी शराब भी सबको याद आएगी। क्योंकि जिस महीने में मतदान होना है। उसकी एक तारीख आते ही देशी शराब की बिक्री थम जाएगी। शराब नहीं मिलेगी तो नारे लगाने वाले भी कम होंगे। क्योंकि यही वो दवा है जो जिंदा बाद के नारे लगाती है। ऐसे में चुनाव लडऩे वालों का खर्चा बढ़ जाएगा। क्योंकि कुछ ही जगहों पर विदेशी शराब मिला करेगी। उसकी कीमत इससे कई गुना ज्यादा होगी। इसकी चर्चा करते हुए एक चुनावी चर्चा की मंडली में एक युवक मस्त अंदाज में यह गीत गा रहा था। कइसे कटी रामा कइसे कटी ,,,,, देशी बना मुर्गा कइसे कटी।
अभी से स्टाक जमा कर रहे हैं पुराने लड़वइया
बक्सर : पंचायत चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान 24 अप्रैल को पड़ेगा। इससे पहले ही देशी शराब की बिक्री बंद हो चुकी होगी। इस स्थिति का आकलन करने वाले लोग पहले से ही अपनी गोटी बैठाने में लगे हैं। वे देशी शराब का स्टाक अभी से जमा कर रहे हैं। क्योंकि इसके बीना ऐसे अनेक समर्थक व वोटर हैं जो घर से बाहर भी नहीं आएंगे।
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