बक्सर खबर : ग्रामीण परिवेश से रुबरु होने नव प्रशिक्षु आई ए एस अपने-अपने तय प्रखंड की पंचायतों में पहुंच चुके हैं। सुबह वे जिला मुख्यालय स्थित अतिथि गृह से निकले। इस दौरान हर जगह साफ-सफाई और सजी सवरी सड़के, भक्ति पूर्ण माहौल देख वे दंग रह गए। बिहार में इस तरह छठ पर्व मनाया जाता है। शायद यह उनका पहला अनुभव था। संयोग से उनका आगमन ऐसी तिथि को हुआ है। जिसमें तीन दिनों तक पर्व छटा, चकाचौंध व शोरगुल से उनका वास्ता रहेगा। छह-छह की संख्या में पांच दल यहां पहुंचा है। जिन्हें लालबहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी मसूरी (भारत सरकार) ने यहां विलेज वीजीट प्रोग्राम के तहत भेजा है। चौसा के रामपुर पंचायत में पहुंचे दल से बक्सर खबर टीम का सामना हुआ। टीम लीडर निहारिका गुप्ता के साथ पंचायत सरकार भवन पहुंचे। स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने उनका स्वागत किया। जिनके साथ घंटो इन प्रशिक्षु पदाधिकारियों ने ग्रामीण विकास पर चर्चा हुई। जिसमें राजनीतिक आलोचना सुन उन्होंने मानव स्वभाव के बारे में जाना। मीडिया के साथ बातचीत में सभी ने कहा कि यहां का माहौल काफी अच्छा लगा। लोग भी मिलनसार और मददगार स्वभाव के हैं। इन सभी को रामपुर गांव के ही एक घर में ठहरने का इंतजाम किया गया है। दल में वर्ष दो हजार सोलह बैच की टापर टीना डाबी, नलीन यादव, डा. विनय गोपाल, राहुल देव व आलोक कुमार शामिल हैं। यहां हम पाठकों को बता दें कि सात दिवसिय प्रशिक्षण के लिए यहां पहुंचे तीस आइएएस, अाइपीएस व आइएएफएस का दल पांच प्रखंडों में गया है। जिसमें चौसा के रामपुर पंचायत, राजपुर प्रखंड के कैथहरकला पंचायत, इटाढी के उनवांस, डुमरांव के कोरानसराय व नावानगर के नावानगर पंचायत में विजिट तय है।