बक्सर खबर : डीएम की कुर्सी जिले में क्या अहमियत रखती है। इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं। आपको भले ही कोई दुकानदार दो हजार का तगादा करता हो। लेकिन किसी डीएम से दो लाख रुपये का तगादा करने की हिम्मत सबमें नहीं होती है। यह हाल हुआ है शहर के मशहूर जनरल स्टोर शिवलोक का। जिसके यहां से पिछले डीएम रमण कुमार के आवास पर लगभग दो लाख रुपये का सामान गया। लेकिन उसका भुगतान नहीं हो सका। क्योंकि डीएम रमण कुमार को 31 जुलाई को तबादला हो गया। वे दूसरे दिन ही अचानक चले गए। जाने से पहले उन्होंने अपना बकाया भी चुकता नहीं किया। इसकी अर्जी स्वयं दुकानदार ने उन्हें लिखित रुप से मोतिहारी भेजी है।
वर्तमान जिलाधिकारी मोतिहारी व पूर्व जिलाधिकारी बक्सर। मान्यवर आपके कार्यलय व आवास द्वारा 2 लाख 10 हजार 236 रुपये का भुगतान नहीं किया गया। भुगतान नजारत से होगा। आज होगा कल होगा के चक्कर में मेरी पूंजी फंस गई है। आप यहां से चले गए। मुझ व्यवसायी का क्या होगा। यह सबकुछ होने के पीछे पूर्व जिला नाजिर कन्हैया प्रसाद का हटना भी है। उनके जाने के बाद से रुपये का भुगतान भी बंद हो गया था। घर और नाजरत के चक्कर में मैं बील लेकर घूम रहा। मेरा भुगतान किया जाए।
इस आग्रह के साथ शिवलोक के संचालक ने डीएम रमण कुमार को पत्र स्पीड पोस्ट से पत्र भेजा है। इसकी प्रति व्यवसाई संघ बक्सर को भी भेजी है। इस बीच व्यवसाई नीरज ने बताया। यह विषय सोशल मीडिया में आ जाने के बाद दो लोग मेरी दुकान पर आए थे। कहा डीएम से पंगा ले रहे हो। बर्बाद हो जाओगे। हालाकि उन्होंने यह भी कहा सब्र करो तो रुपये मिल भी सकते हैं। इस सिलसिले में बक्सर खबर ने मोतिहारी डीएम रमण कुमार से संपर्क करने का प्रयास किया। उन्होंने उधर से फोन ही नहीं उठाया।