बक्सर खबर : राष्ट्रीय ध्वज हमारी आन, बान, शान का प्रतीक है। इसका सम्मान करना हमारा मौलिक कत्र्तव्य है। अगर कोई इसके अपमान के दोषी पाया जाता है तो उसे तीन वर्ष की सजा हो सकती है। ऐसे में यह जरुरी हो जाता है कि हम इसके प्रयोग के तौर-तरीके के बारे में जाने। जाने-अनजाने बहुत से लोग ऐसी गलतियां करते हैं। जो राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 की धारा 02 के तहत दंडनीय अपराध है। इसके लिए तीन वर्ष की सजा व जुर्माना दोनों हो सकता है। लोगों की जानकारी के लिए कई जरुरी निर्देश जारी किए गए हैं। जैसे झंडा संहिता 2002 के तहत प्लास्टिक के झंडे पर पूर्ण प्रतिबंध है। इस लिए आप कभी भी प्लास्टिक के बने झंडे नहीं खरीदें। राष्ट्रीय त्योहार के मौके पर अक्सर लोग तिरंगे का प्रयोग करते हैं। इसमें निम्न सावधानी बरतें। नीचे निर्देशों की प्रति संलग्न की गयी है। इसमें ध्यान देने योग्य बात यह भी है। अक्सर बच्चे हैट, रिबन आदि का प्रयोग करते हैं। ऐसे राष्ट्रीय प्रतिकों का प्रयोग कमर के नीचे नहीं करें। बच्चों पर यह नियम लागू नहीं होते। लेकिन, बड़े इसके उल्लंघन के दोषी होने पर दंड के भागी हो सकते हैं।
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