बक्सर खबर : मठ मंदिरों में जाकर ठहरने वाला परिवार अब जेल की हवा खा रहा है। जी हां हम बात कर रहे हैं उस परिवार की जिसमें दस लोग शामिल हैं। चार पुरुष और छह महिलाएं। छोटे बच्चे हैं सो अलग। परिवार के मुखिया का नाम है मोहन अग्रवाल उर्फ जगदेव प्रसाद। यह वही व्यक्ति है, जो अक्सर सीता राम विवाह आश्रम आता जाता था। वहां के महंत को बताया कि मैं गुजरात का व्यापारी हूं। इस आश्रम का बहुत नाम सुना था। इस लिए यहां आया। अपने आप को पशु व्यवसायी बताकर उसने लाखों रुपये आश्रम से ठग लिए। अंत: पकड़ा गया। पुलिस को दिए गए बयान में इन सब ने जो कहानी बतायी है। वह अत्यंत रोचक है।
तीस साल से भ्रमण कर रहा है परिवार
बक्सर : पुलिस के अनुसार यह परिवार पिछले तीस साल से भ्रमण कर रहा है। वे किसी न किसी मठ मंदिर में जाते और उनको मुनाफे का खेल समझा ठग लेते थे। इतने दिनों में कभी भी वे पुलिस की गिरफ्त में नहीं आए। क्योंकि उनका पता ठिकाना सब फर्जी था। यह सभी मूल रुप से राजस्थान कोटा के रहने वाले हैं। डीएसपी शैशव यादव ने गुरुवार को नगर थाने में पीसी कर इसकी जानकारी दी। उनके अनुसार गिरफ्तार लोगों में चन्दा बाई, मुकेश शर्मा, राजू शर्मा, निर्मला देवी, ज्योति शर्मा, पल्लू शर्मा, पिंकी शर्मा, टोनी शर्मा शामिल हैं।
गिरफ्तारी के दिन भी पहुंचे थे एक और आश्रम को ठगने
बक्सर : नया बाजार आश्रम में ठगी की खबर पूरे देश में फैल गयी। जब यह खबर मीडिया में आयी। इसी बीच मोहन अग्रवाल सीतामढ़ी के आश्रम में पहुंचा था। जब उसने अपना नाम मोहन अग्रवाल पता गुजरात बताया तो आश्रम के लोगों को शक हुआ। क्योंकि इसी नाम के व्यक्ति द्वारा बक्सर आश्रम को ठगने की सूचना उनको मिली थी। तत्काल यहां के आश्रम को सूचना आयी। पुलिस ने जाल बिछाया और वहां पहुंच इनको दबोच लिया।
पकड़े जाने के डर से बच्चों को नहीं भेजते थे स्कूल
बक्सर : पुलिस की जांच में यह पता चला कि यह परिवार पिछले तीन दशक से घूम रहा है। पूरा परिवार और दैनिक उपयोग की सभी वस्तुएं साथ लिए। पकड़े न जाए इसके डर से कहीं स्थायी ठिकाना नहीं बनाया। नतीजा युवाओं और बच्चों ने शिक्षा भी नहीं ली।