बक्सर खबर : राजनीतिक हस्तक्षेप से हर कोई परेशान है। शुक्रवार को भी समाहरणालय में ऐसा ही हुआ। समाहरणालय व परिसदन की सफाई के लिए टेंडर डाला गया था। इसी बीच खुद को विधायक का प्रतिनिधि बताने वाले दो नेता टेंडर खुलने की प्रक्रिया में पहुंच गए। पहले तो किसी ने उस पर बहुत ध्यान नहीं दिया। प्रभारी जिलाधिकारी सह डीडीसी मोबीन अली की अध्यक्षता में टेंडर खोलने की प्रक्रिया चल रही थी। जब टेंडर छटने शुरु हुए तो एक टेंडर कर्ता जिसकी पैरवी के लिए दो नेता वहां पहुंच गए थे। उसका आवेदन भी अस्वीकृत हो गया। दोनों नेता उसमें कूद पड़े। लगे नियम कायदा बताने। प्रभारी जिलाधिकारी ने उनसे पूछा आप लोग कौन हैं। अंदर कैसे आ गए। पूछने पर उन्होंने बताया हम विधायक जी के प्रतिनिधि हैं।
अधिकारी ने उनसे पूछा आपको पता है। टेंडर प्रक्रिया में जन प्रतिनिधि अथवा उनके प्रतिनिधि शामिल नहीं होते। आप लोग यहां पहुंचे कैसे। अब तो दोनों नेता परेशान। उनके पास कोई जवाब ही नहीं था। अंतत: उन्हें फटकार के साथ वहां से बेआबरु होकर बाहर जाना पड़ा। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं छोड़ी। एक दूसरे अधिकारी को तुरंत इसकी पैरवी के लिए समाहरणालय भेजा गया। लेकिन, आम तौर पर हर परिस्थिति में सहज रहने वाले प्रभारी डीएम मोबीन अली अंसारी इतने सख्त दिखे की उन्होंने किसी की एक नहीं सूनी। इस संबंध में पूछने पर किसी भी अधिकारी ने कुछ नहीं कहा। यह जरुर बताया शुक्रवार को जिला अतिथिगृह तथा शनिवार को समाहरणालय की सफाई का टेंडर था। जिसकी प्रक्रिया शनिवार को पूरी की गई।