ददन की मुश्किलें बढ़ी, हत्या के प्रयास में घीरे

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बक्सर खबर (15jun) : जदयू विधायक ददन यादव एक बार फिर हत्या के प्रयास मामले में घीर गए हैं। पिछले ग्यारह वर्ष से लंबीत चल रहे मुकदमें में उनके खिलाफ हत्या के प्रयास मामले में चार्जशीट का आदेश हो गया है। डुमरांव के नेता रामजी सिंह यादव द्वारा दायर मुकदमा संख्या 92/2005 में यह निर्णय आया है। अपर जिला व सत्र न्यायाधीश रामनरायण सेवक पांडेय ने तीन माह के अंदर इसकी सुनवायी पूरी करने का आदेश दिया है। इस मामले के अपर लोक अभियोजक रामनाथ ठाकुर ने बताया इसकी सुनवायी पहले भी हुई थी। जिसमें दफा 307 को सही पाया गया था। इसके खिलाफ ददन यादव उच्च न्यायालय चले गए थे। जहां से सीमा अली की बेंच ने उनको इसमें राहत दे दी थी। इसके खिलाफ वादी रामजी यादव सर्वोच्च न्यायालय चले गए। वहां यह आदेश दिया गया कि इसकी सुनवायी के लिए व्यवहार न्यायालय ही सक्षम है। वे इसकी सुनवायी के लिए सक्षम हैं। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद सुनवायी करते हुए न्यायाधीश ने पुरानी दफाओं को सही मानते हुए चार्ज 18 जुलाई तक सभी अभियुक्तों को न्यायालय बुलाया है। अन्यथा उनकी जमानत रदद मानी जाएगी। साथ ही 90 दिन के भीतर पूरे मामले की सुनवायी का आदेश दिया है। मुकदमें में ददन पहलवान, मदन सिंह यादव, मनोज यादव, भूअर यादव, सुबोध यादव, रामबचन यादव, रामाशंकर यादव समेत दस लोग नामजद हैं। इस मामले में अगर आरोप सिद्ध होता है तो उनके राजनीतिक भविष्य इसका क्या प्रभाव होगा। इस सवाल के जवाब में डाकुर ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो उनकी कुर्सी जा सकती है। पर यह न्यायालय के निर्णय के बाद का विषय है। पीड़ित पक्ष के वकिल सरोज उपाध्याय ने इसे न्याय की जीत बताते हुए कहा कि अब बहुत जल्द सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा।

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नहीं मिल रही सुरक्षा: रामजी यादव
बक्सर: इस मामले के वादी डुमरांव निवासी पूर्व राजद नेता रामजी सिंह यादव अपने आप को आज भी असुरक्षित मान रहे हैं। उनका कहना है कि घटना के बाद पुलिस ने सुरक्षा मुहैया करायी थी। इसके बाद से वे यहां के डीएम एसपी से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। पर उनकी बात नहीं सुनी जा रही है। अगर उनके साथ कुछ अप्रिय वारदात हुई तो इसके जिम्मेवार डीएम होंगे। क्योंकि इस राज्य में राजनीतिक दबंग लोग कमजोर लोगों के साथ किस-किस तरह का अत्याचार करते हैं। यह बात सर्वविदित है।

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