बक्सर खबरः डुमरांव में भ्रष्टाचार के बाद अब नगर परिषद मैनूवल एक्ट की भी धज्जियां उड़ाई जा रही है। अनुछेद् 61 और 62 को लगातार दरकिनार कर रहे है नगर परिषद चेयरमैन और कार्यपालक पदाधिकारी। 61 अर्थ होता है कि कोई भी पार्षद कभी भी वोर्ड की बैठक की प्रति की मांग कर सकता है। परन्तु वह नही दिया जा रहा है। अपने मनमानी से योजनाओ का चयन हो रहा है। 62 का अर्थ बैठक की एक प्रति नगर विकास सचिव को भेजना होता है। परन्तु 28 जून 2016 को हुयी बैठक का भेजना तो दूर सूची में अंकित भी नही है। कार्यापालक पदाधिकारी अनुभूति श्रीवास्तव और चेयरमैन मोहन मिश्रा जनता के विकास के पैसों को लूट कर अपनी जब मोटी कर रहे है। यह युक्त बातें बुधवार दोपहर लंगटू महादेव मंदिर में पार्षद धीरज कुमार कुमार ने कही। उन्होनें कहा कि इनकी मनमानी के खिलाफ मैने निगरान विभाग, प्रधान सचिव, नगर विकास अवास विभाग व जिलाधिकारी को जांच की मांग करते हुये पत्र लिखे है। वही मेरे द्वारा की शिकायत पर एक्शन लेते लोक शिकायत निावरण पदाधिकारी द्वारा कर्यापालक पदाधिकारी अनुभूति श्रीवास्तव को आठ सितम्बर को उपस्थित होने का निर्देश जारी किया है। डुमरांव नगर परिषद् में लूट और भ्रष्टाचार का आलम यह है कि विना निविदा और बिना प्रस्ताव के ही योजनाए शुरू कर दी जा रही है। जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण है प्रति वार्ड 29-29 एलइडी लाइट लगाना पूछने पर किसी के पास कोई जबाब नही है। प्रेसवार्ता में सर्वेश कुमार पाण्डेय, मोहम्द निजामुद्दीन व टिंकू राय शामिल थे।