बक्सर खबर : आए दिन हो रहे ट्रेन हादसों ने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया है। ऐसा नहीं इसके लिए कोई एक व्यक्ति जिम्मेवार है। सिस्टम में चूक जगह-जगह होती है। जब दुर्घटना हो जाती है तो हाय-तौबा मचती है। यह नजारा जिले के रघुनाथपुर स्टेशन का है। मंगलवार को किसी युवक ने वहां के पश्चिमी केबिन पर नजर डाला। अंदर का नजारा देख वह युवक भी दंग रह गया। उसने कैमरे से तस्वीर उतारी। मीडिया के लोगों को उसे भेज दिया।
आप भी देख सकते हैं। पश्चिम केबिन में दो लोग सो रहे हैं। एक चौकी पर दूसरा फर्श पर। एक नाबालिग किशोर वहां बैठा मोबाइल देख रहा है। आती-जाती ट्रेनों को वही झंडी दिखाता है। जिसे इन केबिन मैन में खिड़की के सहारे रख छोड़ा है। ऐसे में किसी ट्रेन का अगर ट्रेक बदलने की सूचना आ जाए तो क्या होगा। या तो ट्रेन दुर्घटना का शिकार होगी अथवा कोई ऐसा हादसा जिसकी कल्पना मात्र से लोग सीहर जाए।
मंगलवार को आप पाठकों ने पढ़ा होगा। राजधानी जैसी महत्वपूर्ण ट्रेन का इंजन टुडीगंज स्टेशन के पास फेल हो गया। जिसे माल गाड़ी के इंजन के सहारे मुगलसराय तक भेजा गया। ऐसे में अगर केबिन मैन की तरह स्टेशन मास्टर भी सो गया तो क्या होगा। फिर खबर सुनने और पढऩे को मिलेगी। बक्सर जिले में ट्रेन हादसा। इतने मरे, उतने घायल। इस व्यवस्था के लिए क्या सिर्फ बड़े अधिकारी दोषी हैं। यहां कार्य करने वाले कर्मचारी सोने के लिए बहाल हैं। सबको अपनी जिम्मेवारी निभानी होगी। अन्यथा सावधानी में चुक दुर्घटना को बुलावा वाली बात चरितार्थ होते देर नहीं लगेगी।