बक्सर खबर : डुमरांव के विधायक ददन यादव उर्फ ददन पहलवान राजनीति के भी मजे हुए पहलवान हैं। व्यवहार न्यायालय बक्सर में पिछले नौ वर्ष से चल रहे हत्या के प्रयास मामले में उन्होंने फिर पुरानी चाल चली है। सत्र वाद संख्या 17/8 में सोमवार को सुनवायी होनी थी। इस बीच पहलवान के अधिवक्ता ने बताया कि हमें समय दिया जाए। हम अपिल में उच्च न्यायालय गए हैं। उनके पक्ष की सुनवायी करते हुए न्यायालय ने 11 अगस्त का समय दिया है। अब अगली सुनवायी उक्त तिथि को होगी। पिछले नौ वर्ष ये यह मुकदमा इस बिंदू पर जहां-तहां घुम रहा है। बचाव पक्ष का कहना है धारा 307 का केस नहीं बनता है। पिछली दफा हाई कोर्ट में न्यायाधीश सीमा अली ने उन्हें राहत दे दी थी। इतना ही नहीं उन्होंने मुकदमें को ही कमजोर कर दिया। इसके विरुद्ध पीड़ित राजमजी सिंह यादव ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। लगभग तीन माह पहले सर्वोच्च न्यायालय ने सिविल कोर्ट ही सुनवायी करने का अधिकार बता मुकदमें को वापस भेज दिया। दूबारा सुनवायी प्रारंभ हुई। पर सोमवार को यह पता चला कि अब अगला डेट मिल गया है। यहां गौर करने वाली बात है कि धारा 307 को लेकर यह मामला पिछले नौ वर्ष से लंबीत है। जबकि सर्वोच्च न्यायालय का आदेश है। किसी भी जन प्रतिनिधि के विरूद्ध अगर मुकदमा चल रहा है। उसकी सुनवायी एक वर्ष के भीतर हो जानी चाहिए। इसका अवलोकन भी उच्च न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय और सरकार का विधि विभाग करता है। पहलवान एक बार फिर विधायक बन गए हैं। ऐसी स्थिति में यह नियम उन पर लागू होता है। लेकिन, कानून के साथ दाव खेलने वाले लोग लचीले पन का लाभ उठा रहे हैं।
अगर कोई अपने कानूनी अधिकार का इस्तेमाल कर रहा है तो इसमे निष्पक्ष लोगों को दिक्कत नहीं होना चाहिए। उनपर मुकदमा सही है या गलत ये फैसला कोर्ट करेगा। आजकल का मीडिया खुद ही ट्रायल कर के सजा सुना देता है। पत्रकारिता का बेजा इस्तेमाल मत करिए।
Patrakarita wo aaina jo sach ko samaj k samne rakhta h. Jo patrakar bahot sare jokhim utha kar kuch khabron ko nihswarth roop se hum tak pahuchate hain, wo real hero hain. Samman karte h aise patrakaro ka tatha buxarkhabar.com ka jo kisi b khabaro me agrani rahta h