बक्सर खबरः भरत राय हत्या कांड में एक को आजीवन कारावास की सजा हुई है। यह फैसला गुरूवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट 2 के न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार सिंह ने सुनाई। मुकदमें में कुल तेरह गवाहों व साबूतों को ध्यान में रख कर आरोपी धर्मेन्द्र दूबे को आजीवन कारावास के साथ एक लाख पच्चीस हजार का अर्थ दंड भी लगाया गया है। कोर्ट ने सुनवाई की प्रकिया 21 मार्च को ही पुरी कर ली थी। अर्थ दंड का 80 फीसदी हिस्सा मृतक के परिजनों को सौंपा जायेगा।
ज्ञात हो कि 2 अपै्रल 2011 को दुधारचक मोड़ के पास भरत राय अपने रिश्तेदार मनोज राज के साथ अपने गांव सोनवर्षा जा रहे थे। उसी दौरान तीन लोगों ने दुधारचक मोड़ के पास गोली मार दी। घटना स्थन पर ही मौत हो गयी। मौजूद मनोज राय ने इसकी सूचना पुलिस को दी। अपने बयान पर चंदन मिश्रा, शेरू सिंह व मंटू मिश्रा सहित चार अज्ञात पर मामला दर्ज कराया। चंदन मिश्रा एवं शेरू सिंह को पकड़े जाने के बाद पुलिस ने पूछताछ की तो धमेन्द्र दूबे का नाम सामने आया। उस समय धर्मेन्द्र यूपी के गोरखपुर जेल में बंद था। उसे बक्सर ला पूछताछ की गयी तो उसने स्वीकृति मानी। उसके बाद पुलिस ने टीआई परेड़ कराया गया परन्तु शेरू सिंह ने मना कर दिया की उसका चेहरा जना-पहचाना है इसलिए शामिल नही होगा। न्यायिक सूत्रों के अनुसार चंदन व शेरु का नाम इस मुकदमें की फाइल से अलग है। उन्हें भी सजा हो सकती है।