बक्सर खबर : भोजपुरी वह भाषा है। जिसे भारत वर्ष में मिठी बोली के नाम से जाना जाता है। आज ऐसा वक्त आ गया है। अपने गृह प्रदेश में ही यह भाषा मैली हो रही है। इसकी वजह वे लोग हैं। जो सरस्वती वंदना व गीत भजन गा कर अपना भविष्य बनाने चले हैं। एक भजन के बाद वे भुल जाते हैं। प्रसिद्धि के लिए अश्लीलता सहारा लेना लाभदायक हो सकता है पर फायदे मंद नहीं है। यह बातें भोजपुरी फिल्म व संगीत कारोबार से जुड़े अनुराग देहाती ने कही। अश्लीलता के खिलाफ उनका अनुराग फिल्म प्रोडक्शन कार्य कर रहा है।
इसकी जानकारी देते हुए उन्होंने बताया ऐसे अनेक कलाकार हैं। देवी गीत और अन्य बेहतर प्रदर्शन कर नाम कमा रहे हैं। बक्सर खबर कार्यालय पहुंचे अनुराग ने कई कलाकारों के नाम बताए। जैसे अंगने में कलशा- केके पंडित, रजाई लेखा काम अइत -पवन बाबू लहरी आदि गायकों ने अच्छे गीत गाए हैं। हमारी कंपनी ने इनके गीत रिकार्ड किए हैं। अनुराग ने बताया मेरे साथ रंजन अलबेला निर्देशक हैं। हमन दोनों ने यह तय किया है। वैसे युवा कलाकारों को तरजीह देनी है। जो भोजपुरी में अश्लीलता के खिलाफ हैं। हमारे इस प्रयास के सहयोग देने का वादा गुड्डू गुंजन, विकास शास्त्री, पवन बाबू, लालु लहरी, राहुल सम्राट आदि ने मदद का आश्वासन दिया है। हमारा कार्यालय पटना के राजेन्द्र नगर में है।