बक्सर खबर : राष्ट्रीय राजमार्ग 84 को फोर लेन बनाने की योजना कब पूरी होगी। यह तो आने वाला वक्त ही जाने। लेकिन, पिछले छह साल से अपने हिस्से का मुआवजा मांगते यहां के भू-धारी सबका दरवाजा खट-खटा कर थक गए हैं। भ्रष्टाचार के इस दौर में इन्होंने अनशन को अपना हथियार बनाया है। पिछले चार दिन से समाहरणालय के समक्ष इनका प्रदर्शन जारी है। ठंड की सर्द रात में न्याय के लिए अपनी आवाज उठाते इन अनशनकारियों की कोई सुनने वाला नहीं। प्रशासन की पहल इतनी जरुर रही कि सत्याग्रह की राह पर चल निकले भू-धारियों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए डाक्टर भेज दिए गए। प्रदर्शन में शामिल किसान व भू स्वामी एनएच के किनारे स्थित अपनी भूमि को व्यवसायिक मानते हुए मुआवजा तय करने की मांग कर रहे हैं। इनका तर्क है कि, जीन भू खंड पर व्यवसायिक प्रतिष्ठान बने हैं, उसे कृषि योग्य कैसे करार दे दिया गया। यहां का प्रशासन उस भूमि का निबंधन व्यवसायिक दर पर करता है। फिर भी हमारी अनदेखी क्यों। इस सवाल का जवाब देने के लिए सक्षम पदाधिकारी उन तक नहीं जा रहे हैं। भू अर्जन पदाधिकारी को भी फुर्सत नहीं। क्योंकि वे बड़े हाकिम की सेवा में लगे हुए हैं। अनशन स्थल पर मौजूद संघर्ष समिति के अध्यक्ष अखौरी नीरज, विनय पांडेय, नीरज, संदीप ठाकुर, विनय कुमार, मदन सिंह, प्रभाकर मिश्रा, अजय मिश्रा, दीपक सिंह, अनिल कुमार, विद्यासागर, सुरेश सिंह आदि अपनी आवाज बुलंद करने में लगे हैं।