बक्सर खबर : जीवन में कुछ ऐसे मोड आते हैं। जहां व्यक्ति यह तय नहीं कर पाता कि वह जिंदा रहे या खुद भी जान दे दे। यह हाल नंदन गांव की निर्मला देवी का है। उनके जवान बेटे मुन्ना यादव (21) का शव घर पहुंचा। परिवार के भरण पोषण के लिए वह गुजरात कमाने गया था। 30 मार्च तक उंची जगह से काम करते समय वह नीचे आ गिरा। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गयी। दो दिन बाद आज उसका शव लाया गया है। जिसके बाद परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल है। उसके पिता हरेराम यादव की मौत भी पिछले साल लकवा मार देने के कारण हुई थी। इस दुखी परिवार के पास अब कोई सहारा नहीं है। घर में उसकी दो छोटी बहने सरिता व संजू मां के सहारे हैं। इनका जीवन कैसे कटेगा यह प्रश्न पूरे परिवार के सामने है।