मित्रता हो तो सुदामा-कृष्ण जैसी – मधुसूदन जी

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बक्सर खबर : जीवन में सच्चे मित्र का होना बहुत जरुरी है। भगवान कृष्ण ने अपने मित्र सुदामा के साथ जो व्यवहार किया। उससे कहीं ज्यादा मर्म स्पर्शी सुदामा जी का आचरण भी था। एक मित्र के प्रति दूसरे मित्र का भाव बताता है कि भगवान अपने मित्र को कितना सम्मान देते हैं। इससे हमें भी सीख लेनी चाहिए। यह उपदेश गौर मठ के महात्मा मधुसूदन जी महाराज ने गुरुवार को तिवारीपुर में दिया।

यहां स्थित गौर मठ में उनकी कथा 24 मार्च से चल रही थी। गुरुवार को भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का समापन था। जिसके समापन पर विशाल भंडारा हुआ। इसके साथ ही यज्ञ का समापन भी हो गया। इसकी जानकारी मठ के संचालक मुरारी दास से मीडिया को दी। इस कथा की एक विशेषता यह भी रही कि यहां विश्व के अनेक देशों से भगवत भक्त पधारे थे।

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