बक्सर खबर : डीएम मुकेश पांडेय की मौत ने सबको हतप्रभ कर दिया है। उनकी मौत के बाद जो जानकारी हाथ लगी है। वह चौकाने वाली है। साथ ही पुलिस की लापरवाही भी उजागर हुई है। जो घटना क्रम सामने आया है वह कुछ इस प्रकार का है।
सुबह चार बजे निकले थे पटना के लिए
बक्सर : दस तारीख की तड़के सुबह मुकेश पांडेय यहां से पटना के लिए बाई रोड निकल गए थे। जाने के पूर्व डीडीसी मोबीन अली अंसारी को नौ तारीख की शाम ही प्रभार सौंप दिया था। मेरे मामा की तबीयत खराब है। ऐसा कह वे पटना चले गए। ड्राइवर व चालक की माने तो वे सुबह साढे छह बजे पटना एयर पोर्ट पहुंच गए थे।
हवाई जहाज से पहुंचे दिल्ली
बक्सर : मुकेश पांडेय पटना एयर पोर्ट से दिल्ली पहुंच गए। वहां गुडगांव के लीला पैलेस में दोपहर बारह बजे अपने लिए कमरा बुक किया। कमरा नंबर 742 में बैठ उन्होंने अपना सुसाइड नोट तैयार किया। अपने परिजनों को मैसेज भी किया। मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं। वहां से लगभग साढ़े चार बजे ओला कैब बुक कर जनकपुरी माल के लिए निकल गए।
मैसेज मिलते ही पुलिस के साथ होटल पहुंची छोटी साली
बक्सर : मुकेश पांडेय का मैसेज मिलते ही परिवार और दोस्तों के बीच हड़कंप मच गया। उनकी छोटी साली जो दिल्ली में रहती है। सरोजनी नगर थाने की मदद से लीला पैलेस होटल पहुंची। कमरे से सुसाइड नोट बरामद किया गया। जिसमें उन्होंने डिप्रेशन और परेशानी का जिक्र किया है। पुलिस ने इसकी सनहा दर्ज किया। लेकिन उनका लोकेशन लेने में बहुत देर हुई। इस बीच वे साढ़े पांच बजे के लगभग सरोजनी नगर स्थित माल पहुंचे। वहां छत से कूदने का प्रयास किया। लेकिन वहां गार्ड के आन जाने के कारण लगभग छह बजे वहां से निकल गए। उनके जाने के बाद पुलिस वहां पहुंची। जांच में वहां के सीसी टीवी फूटेज में वे नीली टी शर्ट व जिंस पहने बाहर आते दिखे। उस समय छह बजने में महज दो मिनट कम थे।
मेट्रो से निकल गए आनंद बिहार
बक्सर : सरोजनी नगर से पांडेय मेट्रो द्वारा आनंद बिहार स्टेशन पहुंचे। वहां से दूसरी ट्रेन पकड़ गाजियाबाद पहुंच गए। जहां रात नौ बजे के बाद पद्मावती ट्रेन के सामने आकर अपनी जान दे दी। उनके पास एक और हैंड नोट था। जिस पर उन्होंने अपनी पहचान व नाम नंबर लिख रखा था। साथ ही होटल व सुसाइड नोट का जिक्र भी उसमें दर्ज है। कुछ इस तरह की रही मुकेश पांडेय के अंत की दुखद कहानी।