बक्सर खबर : भ्रष्टाचार सरकारी महकमों की सान बन चुका है। जब इसका खुलासा होता है। गाज वैसे लोगों पर गिरती है। जो कमजोर कड़ी होते हैं। इसके अलावा ताकतवर लोगों को बचाने के लिए वैसे लोगों को भी फंसाया जाता है। जिनकी औकात उसका विरोध करने की नहीं होती। ताजा मामला समाहरणालय में हुए एक करोड़ स़त्रह लाख के घोटाले से जुड़ा है। इसके कर्ताधर्ता सहायक नाजिर पंकज कुमार फिलहाल जेल में हैं। इस मामले में हाई वोल्टेज ड्रामें का खेल अभी भी जारी है। जिला नाजिर कन्हैया प्रसाद का तबादला मुख्यालय से इटाढ़ी प्रखंड कर दिया गया। वही कन्हैया राम जिनकी समझदारी से घोटाला उजागर हुआ। जब बैंक से फोन आया, 18 लाख का चेक आया है। क्या करना है, जैसे ही फोन आया, वे तुरंत बैंक पहुंचे। किसी व्यक्ति के नाम से सरकारी राशि का चेक वह भी सरकारी कर्मचारी के नाम। मामले की जानकारी उन्होंने डीएम वह एनडीसी को भी दी। उस दिन अगर कन्हैया राम ने शर्तकता न दिखाई होती तो सरकारी खजाने से 18 लाख रुपये और निकल गए होते। जिले के हुक्मरानों ने अब उन्हें सस्पेंड कर दिया है। इसे ही कहतें हैं, खेत खाए गदहा मार खाए जोलहा।