बक्सर खबरः आधुनिकता से ही कृषि तथा किसानों का भला होगा। देशभर में कृषि क्रांति की लहर चल रही है। उन्नत राज्यों के किसान नई तकनीकि के सहारे खेती कर अपनी किस्मत गढ़ रहे है। बिहार के किसानों को भी देश के अन्य हिस्सों के किसानों के साथ कदमताल कर खेती को बढ़ावा देने की। खासकर युवा वर्ग को कृषि क्षेत्र में जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि युवाओं के दम पर कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन संभव है। यह युक्त बातें वीर कुंवर सिंह कृषि कालेज डुमरांव का छठवा स्थापना दिवस बुधवार को समारोह का उदघाटन मुख्य अतिथि सह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के उपनिदेशक कृषि शिक्षा नरेन्द्र सिंह राठौर ने कहा। श्री राठौर ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है लेकिन कृषि के रूप में ही पिछड़ेपन का शिकार है। इसका मुख्य कारण युवाओं का रूझान कृषि की ओर न होना है। उन्होंने कहा कि देश की 68 प्रतिशत आबादी की जीविका कृषि है। 57 प्रतिशत जनसंख्या युवा वर्ग की है फिर भी युवओं का रूझान कृषि की ओर नहीं हो रहा है। बिहार में कृषि के साथ प्रकृति भी खिलवाड़ करती है। कभी बाढ़ तो कभी सुखाड़ से खेती को नुकसान होता है। बावजूद तकनीकी कृषि के जरिए इस नुकसान को पाटा जा सकता है। उन्होंने राजस्थान का उदाहरण देते हुए कहा कि राजस्थान में बिहार के मुकाबले 10 प्रतिशत पानी ही है। बावजूद वहा की उत्पादकता बिहार से बेहतर है तथा किसान खुशहाल है। मुख्यअतिथि के तौर पर युवराज चंद्रविजय सिंह, महराज शिवांग विजय सिंह बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वीसी डा एके सिंह प्राचार्य डा उमाशंकर जायसवाल कालेज कर्मियों के साथ ही कई गणमान्य व किसान उपस्थित रहे।