बक्सर खबरः नाम लालमुनी चौबे-पिता स्व. हरिवंश चौबे ग्राम कुरइ,प्रखंड चैनपुर, जिला- कैमूर(भभुआ) यह पता है। राजनिति के उस शख्स का जिसे सता में बैठा ह रनाम जानता और पहचानता था। 47 वर्ष पूर्व जो आप इस तस्वीर में खपरैल मकान देख रहे है। इतने वर्ष पूर्व राजनिति के पारी की शुरूआत की थी। तब वे जनसंघ की सेवा करते थे। पहली बार वे 1962 में दीप छाप पर चुनाव जीत बिहार विधान सभा में पहुचे। जब से पीछे मुड़ कर नही देखा। बिहार सरकार में स्वास्थ मंत्री रहे। बिहार बिधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता रहे। चार बार बक्सर से सांसद रहे। चैबे के ईमादारी का लोहा उनके विपक्ष में बैठे राजनितिज्ञ भी मानते थे। पुरे भारत में शायद वह एकलौता नेता थे कि चुनाव के दौरान खर्च के नाम पर पार्टी फंड में मिले पैसे को भी बचने के बाद पार्टी कार्यलय को वापस कर देते थे। अपने दोनों बेटों हेमन्त चौबे और शिशिर चौबे को राजनितिक पारी शुरूआत करने में परोक्ष रूप से भी कोई मदद नही की। आज ईमानदारी के कहानी का अंत इस तस्वीर के माध्यम से देख रहे है। 47 साल के राजनितिक कैरियर के बीच ये खपरैला बैठका ज्यों का त्यों है। वो वही लोग इंतजार कर रहे है जो कभी इस खपरैले मकान में बैठ राजनिति का मंत्र लिया करते थे। उनके 47 साल के राजनिति में बचा तो सिर्फ उनके ईमानदारी का गुणगान, खपरैला मकान, और उनकी यादे।
कुरइ गांव पहुंचे प्रभारी मंत्री संतोष निराला, सांसद अश्वनी चौबे , डीएम राजेश्वर प्रसाद, व एसपी हरप्रीत कौर
Bhagwan unki atma ko santi de…