बक्सर खबर : घर में शौचालय का होना हर व्यक्ति के जरुरी है। खुले में शौच करना सामाजिक बुराई होने के साथ-साथ स्वयं को अपमानित करने जैसा है। प्रशासन की इस सीख का असर बहुत से लोगों पर हुआ है। जिसका नतीजा है आज हर गांव में शौचालय का निर्माण हो रहा है। लेकिन इस भीड़ में एक ऐसा शख्स है। जिसकी पहल खुद एक सीख है। ब्रह्मपुर प्रखंड के ललनजी डेरा निवासी शिवजी यादव। स्वयं दोनों पैर से विकलांग हैं। परिवार की परवरिश के लिए ब्रह्मपुर में पान की दुकान चलाते हैं। उन्होंने घर में शौचालय निर्माण के लिए अपनी भैंस बेच दी।
गांव में जब लोग सर्वेक्षण के लिए आते हैं। पूरे जोश से कहते हैं हां जी मैं बनवा रहा हूं शौचालय। शिवजी यादव का परिवार आर्थिक रुप से बहुत कमजोर है। वे स्वयं ही दिव्यांग होने के कारण मुश्किल से परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। लेकिन किसी के सामने हाथ नहीं फैलाते। उन्होंने कहा बहुत दिनों से मेरे मन में था। घर की महिलाओं के लिए शौचालय बने। अब तो सरकार भी इसके लिए प्रोत्साहन राशि दे रही है। तो ऐसे मौके को गंवाने वाले सबसे बड़े मुर्ख होंगे जी। मेरे पास फिलहाल उतने रुपये नहीं थे। जिससे निर्माण शुरु हो सके। अपनी भैंस बेच दी। जब सरकार प्रोत्साहन राशि देगी। दूसरी पाडी खरीद लेंगे। कुछ दिन सेवा करेंगे। फिर भैंस तैयार। यह तो हमारे लिए अच्छा मौका है। उनकी हिम्मत देख दूसरे लोगों को उनसे सीख लेनी चाहिए।