बक्सर खबर : प्राथमिकी दर्ज होते ही विरेन्द्र यादव ग्राम रहथुआ की हत्या में नया मोड़ आ गया है। मृतक के पुत्र कमलेश सिंह यादव ने गांव के तीन राजपुत व एक यादव को अभियुक्त बताया है। चौकाने वाली बात है कि चार माह पहले जेल से बाहर आए राहुल सिंह का नाम इसमें नहीं दिया गया है। उसके छोटे भाई रमन को नामजद किया गया है। अन्य अभियुक्तों में सूर्यनाथ सिंह, राजू सिंह यादव व एक अन्य का नाम है। घटना के वक्त बाइक चला रहे गजेन्द्र राम का नाम भी इस केश में नहीं दिया गया है। थानाध्यक्ष दयानंद सिंह ने कहा प्राथमिकी दर्ज कराने वाले ने बताया कि मैं भी घटना के वक्त पीछे से आ रहा था। मेरे सामने ही यह सबकुछ हुआ। इन्हीं लोगों ने मिलकर मेरे पिता की हत्या की है। उसे प्रत्यक्षदर्शी मानकर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।
राहुल सिंह पहले कर चुका है अपने ही पिता की हत्या
बक्सर : रहथुआ गांव का रहने वाला राहुल सिंह अब खुंखार बन चुका है। विरेन्द्र की हत्या में उसे नामजद नहीं किया गया है। जबकि पुरा गांव जानता है। राहुल जब विदेश से लौटा था। उसने अपनी बहन के अंतर जातीय विवाह का पुरजोर विरोध किया था। इसी विवाद में अपने पिता कामता सिंह की हत्या कर दी। तब से वह जेल में था। बाहर आने के बाद एक बार फिर वह चर्चा में है। पुलिस कल तक यही मान रही थी। राहुल सिंह ही हत्या का मुख्य अभियुक्त होगा। लेकिन, शनिवार की शाम जब मृतक के पुत्र ने बयान दिया तो पूरा मामला पलट गया। कल तक की खबर एक झटके में अफवाह बनकर रह गई। आने वाले समय में यह अफवाह फिर गैंगवार बन सकती है। ऐसा कहना है अपराध जगत के सूत्रों का। उनकी माने तो किसी सोची समझी योजना के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। आने वाले दिनों में इसका परिणाम खतरनाक हो सकता है।