विवादों में घिरा प्रेस क्लब का गठन, पत्रकार संघ ने किया बहिष्कार

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बक्सर खबर : जिला जन संपर्क विभाग ने शनिवार को प्रेस क्लब के गठन के लिए बैठक बुलाई। बगैर किसी प्रावधान व स्पष्ट दिशा निर्देश के डीपीआरो के निर्देश पर समाहरणालय सभागार में पत्रकारों की परेड हुई। वहां अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव व कोषाध्यक्ष पद के लिए चुनाव की प्रकिया प्रारंभ की गई। जिसका बक्सर पत्रकार संघ ने विरोध किया। विरोध इतना मुखर हुआ कि अधिकांश पत्रकारों ने इस चुनाव प्रकिया का बहिष्कार किया। बगैर की पूर्व सूचना के दो दिन में चुनाव करने व प्रखंड के संवाददाताओं की उपेक्षा के सवाल पर पत्रकार संघ ने पुरजोर विरोध किया। बावजूद इसके आम सहमति बनाने का प्रयास किया गया। लेकिन पत्रकार संघ द्वारा जो नाम सुझाए गए।

उसको दैनिक जागरण के कंचन व प्रभात खबर के गोपाल दरकिनार कर अपनी मन वाली करनी प्रारंभ की। कल तक बक्सर की स्थानीय पत्रकारिता से अपने आप को अलग बताने वाले पत्रकारों ने बैनर की धौंस का जो गलत प्रयोग किया। वह अपमान बर्दाश्त न करते हुए अधिकांश पत्रकारों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। मौके की नजाकत को देखते हुए डीडीसी मोबीन अली अंसारी व एसडीओ गौतम कुमार भी वहां से खिसक लिए। डीपीआरो भी सभा कक्ष छोड़ अपने कार्यालय में खिसक लिए। बावजूद इसके बगैर मतदान के स्वयं भू लोगों ने अपने आप में पदों का बंटवारा कर किसी को  अध्यक्ष व उपाध्यक्ष मनोनित करने का लेटर थमा डीपीआरो को थमा दिया। पत्रकार संघ ने इसका बहिष्कार करते हुए इसकी लिखित शिकायत डीएम व डीपीआरो कार्यालय को सुपुर्द की।
क्या बोले डीपीआर ओ
बक्सर : जन संपर्क पदाधिकारी ने कहा इन लोगों द्वारा जो सूची मिली है। उसकी फाइल बना ली गई है। साथ ही जिन लोगों ने बहिष्कार किया। उनका आवेदन भी फाइल के साथ संलग्न कर डीएम साहब को भेजा जा रहा है। प्रशासनिक स्तर से इस चुनाव को अभी मान्यता नहीं दी गई है। क्योंकि चुनाव में आम सहमति नहीं बनी। अगला निर्णय जिलाधिकारी की सहमती के बाद होगा।
पत्रकार संघ की आपत्ति
बक्सर : बक्सर पत्रकार संघ के अध्यक्ष अविनाश उपाध्याय ने कहा कि जन संपर्क कार्यालय ने प्रेस क्लब गठन के लिए चुनाव किस अधिकार से कराया। उसके लिए क्या मानदंड निर्धारित है। दो दिन में चुनाव की तिथि स्वयं किस आधार पर तय कर ली गई। प्रखंड स्तर के संवाददाताओं को इसमें क्यों शामिल नहीं कराया गया। जब तक जिले के सभी पत्रकार इसमें शामिल नहीं होंगे। सबकी भागीदारी नहीं होगी। तो चंद लोगों द्वारा किए गए निर्णय को हम स्वीकार नहीं करते हैं।

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