बक्सर खबर : वीरों की धरती के नाम से मशहूर जिले का चौसा गांव। इसी मिट्टी में पले बढ़े और बड़े होकर पत्रकार बने मो. मोइन दैनिक जागरण के बेहतर पत्रकारों में शुमार हैं। स्वभाव से बहुत ही कम बोलने वाले इस शख्स के अंदर बेहतर इंसान छिपा है। जब भी किसी विषम परिस्थिति में किसी साथी को आवश्यकता होती है। मोइन आगे आकर खड़े हो जाते हैं। भागते अपराधियों का पीछा करना हो या गंगा में डूबते लोगों को बचाने के लिए पूरी रात जागना हो। मो. ऐसी परिस्थितियों में जीवट पत्रकार की तरह हमेशा डटे रहने वाले व्यक्ति हैं। पिछले बारह वर्ष से पत्रकारिता के क्षेत्र में हर उतार-चढ़ाव देखते चले आ रहे इस शख्स ने कभी किसी से शिकायत नहीं की।
हमारे साप्ताहिक कालम इनसे मिलिए के लिए रविवार को इनसे लंबी बातचीत हुई। अपने पुराने अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने कहा अब एक लालसा है। चौसा का थर्मल पावर प्रोजेक्ट पूरा हो जाए। तो अपना चौसा एक बार फिर देश के नक्शे पर आ जाएगा। चौसा का विकास ही हमारा सपना है। लगे हाथ हमारा प्रश्न भी उनके सामने रहा। आप इतने दिनों से लिख रहे हैं। ऐसा क्या रहा जो आज तक नहीं हुआ। जिसका आपको मलाल हो? आह भरते हुए इस शख्स ने कहा-चौसा के लड़ाई का मैदान। आज भी उपेक्षित पड़ा है। हम लोग लिखते-लिखते थक गए। खुदाई शुरु हुई। तो ऐसा लगा शायद बदलाव हो। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश भी यहां का दौरा करने आए। तब विश्वास जगा। जरुर कुछ बेहतर होगा। लेकिन शेर शाह और हुमायू के बीच हुई लड़ाई का गवाह मैदान आज भी जैसे का तैसा पड़ा है। मोइन की बातें सुन यह एहसास हुआ। यह दर्द एक अकेले का नहीं। जिले के सभी कलमकारों का है। जो इसे हमेशा भूल जाते हैं। सरकारें बदलें तो बदलें कलम के सिपाही आखिर इसे वर्ष में एक बार ही क्यूं याद करते हैं।
पत्रकारिता जीवन
बक्सर : मो. मोइन बताते हैं। पत्रकारिता का सफर वर्ष 2005 में शुरू हुआ। चौसा से दैनिक जागरण के लिए उन्होंने लिखना शुरु किया। तब आदरणीय राजकमल राय दैनिक जागरण के प्रभारी हुआ करते थे। उनके सानिध्य में पत्रकारिता का वह दौर देखने को मिला। जिसे बक्सर के लोग शायद भूल न सकें। उन दिनों सुबह, दोपहर शाम और रात तक के मिशन पर पत्रकारों ने काम किया। अपने जीवन के कुछ पलों को याद करते मोइन बताते हैं। हमारा सामना अक्सर हादसों से होता रहा है। वर्ष 2010 का वाकया है। बैंक लूटने कुछ अपराधी यहां आ धमके। स्टेट बैंक की शाखा को लूटने का प्रयास किया गया। गार्ड को गोली मार अपराधी अंदर दाखिल हो गए। उग्र लोगों चार अपराधियों को पीट-पीट का मार डाला। दो भागने में सफल रहे। लेकिन उन्हें भी तीन किलोमीटर तक लोग दौड़ा कर ले गए। उन्हें भी भीड़ ने मार दिया। छह अपराधी मार दिए गए। यह वह चौसा है। चौसा स्टेशन पर ट्रेन की दो एसी बोगियां जल गई। लोगों ने इतनी मदद पहुंचाई की। एक भी यात्री न घायल हुआ न उनको कोई नुकसान। सबसे दुखद रहा 2014 का नाव हादसा। जब छह सो सात लोग डूबकर मर गए। अफसोस उन्हें बचाया नहीं जा सका।
व्यक्तिगत जीवन
बक्सर : मोइन का जन्म 13. 1. 1973 को चौसा में हुआ। वे अपने पिता अब्दुल रहीम के तीसरे पुत्र हैं। चौसा हाई स्कूल से 1988 में मैट्रिक की परीक्षा पास की। 1993 में एमवी कालेज से स्नातक उत्तीर्ण हुए। पांच भाई और दो बहनों के बीच इनका तीसरा नंबर है। इनकी शादी वर्ष 2009 में हुई। खुदा की नेमत से वे दो पुत्रों के पिता हैं। जीवन खुशहाल है। चलते -चलते उन्होंने कहा मीडिया समाज का आइना है। इससे जुड़े लोग वैसा आचरण न करें। जिससे समाज में गलत संदेश जाए।
Me inko bahot achhe se aur karib se janta hu ye bahot hi nek dil insan hai mujhe gav hai inke jayse insan par