बक्सर,26 नवंबर। संविधान दिवस के अवसर पर आज व्यवहार न्यायालय परिसर में संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया गया। इस अवसर पर ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुमार मलिक ने कहा कि संविधान मनीषियों के अथक परिश्रम का फल है कि आज हम सामाजिक ,आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार,अभिव्यक्ति,विश्वास,धर्म और सबसे ऊपर व्यक्ति की गरिमा सुनिश्चित करते हैं। श्री मलिक ने कहा कि इस अवसर पर संविधान सभा के अंतरिम अध्यक्ष डॉ सचिदानंद सिन्हा एवं अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद के संविधान निर्माण मे उनके श्रम को भूल नहीं सकते हैं और यह गर्व का विषय है कि दोनों मनीषी बिहार के सपूत हैं और डॉ सचिदानंद सिन्हा तो बक्सर की मिट्टी से जुड़े थे। अतः यह धरती पावन है।उन्होने कहा कि न्यायालय की गरिमा के साथ साथ व्यक्ति की गरिमा भी हमारा संविधान सुनिश्चित करता है जो अपने आप में अनूठा हैं। ज़िलान्यायाधीश ने इस अवसर पर संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सबकों न्याय सुलभ कराना हमारी ज़िम्मेदारी होना चाहिये, यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं के दूरदर्शिता का ही परिणाम है कि विश्व का सर्वश्रेष्ठ संविधान हमारे देश का है, जिसमे विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म, राजनैतिक न्याय, व्यक्ति की गरिमा हमारे संविधान के प्रस्तावना के भाग हैं, जो उसकी आत्मा हैं। इस अवसर पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार पांडेय,अरुण कुमार श्रीवास्तव,अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रत्नेश कुमार सिंह, मौसमी सिंह,कल्पना श्रीवास्तव, राजेश कुमार त्रिपाठी,पवन कुमार शुक्ल राजेश वर्मा,अनुमंडल न्यायिक पदाधिकारी राकेश रंजन सिंह सहित न्यायालय के कर्मचारी अमरेंद्र भारती, अरशद यूसुफ, अजय कुमार, दीपेश श्रीवास्तव,के के ओझा, राज कुमार, संजय कुमार, मनोज कुमार शर्मा देवकांत पासवान आदि मौजूद रहे।